बढ़ते जलस्तर, तेज हवा ने रोकी संगम में नावों की सैर
गंगा-यमुना के बढ़ते जलस्तर और तेज हवा से नाव पर संगम की सैर करने वालों को झटका लगा है। बाढ़ नहीं आई पर संगम व आसपास नावों पर सैर और जलक्रीड़ा को रोक...
प्रयागराज। गंगा-यमुना के बढ़ते जलस्तर और तेज हवा से नाव पर संगम की सैर करने वालों को झटका लगा है। बाढ़ नहीं आई पर संगम व आसपास नावों पर सैर और जलक्रीड़ा को रोक दिया गया है। साप्ताहिक अवकाश के दिन बोटिंग करने यमुना किनारे पहुंचे लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा। लोगों को बताया गया कि सभी तरह की बोटिंग रोक दी गई है। इसी प्रकार यमुना में तैराकी का अभ्यास भी रोक दिया गया है।
गंगा-यमुना अभी खतरे के निशान से बहुत दूर हैं। फाफामऊ में सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक गंगा स्थिर रहीं। नैनी में यमुना का जलस्तर बढ़ रहा था। यमुना में जलस्तर बढ़ने से अधिक तेज हवा के कारण सभी तरह की बोटिंग रोक दी गई। बोट क्लब ने पैडल बोट का संचालन शनिवार को ही बंद कर दिया था। तेज हवा के कारण रविवार सुबह से मोटर बोट को भी किनारे खड़ा कर दिया गया। संगम में अधिकतर देशी नावों का संचालन सुबह से ठप रहा। यमुना में कयाकिंग-कैनोइंग बोट से अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों ने सुबह-शाम किनारे पसीना बहाया।
ईसीसी के पीछे नौकायान घाट पर तैराकी रोक दी गई। घाट पर तैराकी का प्रशिक्षण देने वाले शिवबाबू निषाद ने बताया कि यमुना में प्रवाह तेज होने के कारण तैराकी का अभ्यास रोका गया है। संगम किनारे निर्माणाधीन डबल रेलवे ट्रैक ब्रिज पर छिटपुट काम भी रोक दिया गया है। निर्माणाधीन ब्रिज पर सुबह से शाम तक एक भी मजदूर काम करते दिखाई नहीं पड़े। यमुना का जलस्तर बढ़ने से संगम के कछारी क्षेत्र में पानी फैल रहा है। सिंचाई विभाग के इंजीनियरों का कहना है कि अभी बाढ़ का खतरा नहीं है, लेकिन गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ता रहेगा।
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