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ई-ऑफिस बनाकर होनहारों ने बचाए इविवि के एक करोड़

इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने कोरोना काल में अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने और फाइलों को सुरक्षित रखने के लिए ई-ऑफिस तैयार कराया है। खास बात यह की इसे किसी नामी गिरामी...

ई-ऑफिस बनाकर होनहारों ने बचाए इविवि के एक करोड़
हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराजThu, 30 Jul 2020 04:53 PM
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने कोरोना काल में अपने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने और फाइलों को सुरक्षित रखने के लिए ई-ऑफिस तैयार कराया है। खास बात यह की इसे किसी नामी गिरामी कंपनी या एजेंसी ने नहीं बल्कि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने ही बनाया है।

ई-ऑफिस बनाकर छात्रों ने इविवि के एक करोड़ रुपये की बचत की है। इस सिस्टम को बनाने के लिए नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) और नेशनल नॉलेज नेटवर्क (एनकेएन) ने इविवि को एक करोड़ का प्रस्ताव दिया था लेकिन कुलपति प्रो. आरआर तिवारी के निर्देशन में उनकी शोध छात्रा डॉ. सुनीता त्रिपाठी और एमसीए अंतिम वर्ष के छात्रों ने इसे बिना किसी खास खर्च के तैयार किया है।

15 अगस्त से ई-ऑफिस पर काम शुरू हो जाएगा। शोध छात्रा डॉ. सुनीता त्रिपाठी ने बताया कि वैलोट्रैक फाइल मैनेजमेंट सिस्टम, पेरोल मैंजेमेंट सिस्टम बना लिया गया है। वहीं, इविवि की नई वेबसाइट बना रहे है। इससे सर्वर के माध्यम से इविवि के अधिकारी और कर्मचारी को जोड़ा जा रहा है। सभी को लॉगइन और पासवर्ड दिया जाएगा। इससे वह घर पर बैठककर ऑनलाइन अपना काम किसी भी समय आसानी से कर सकेंगे। इससे फाइल भी सुरक्षित रहेगी। कुलपति प्रो. आरआर तिवारी ने बताया कि 15 अगस्त से ई-ऑफिस पर काम शुरू हो जाएगा। उसके बाद इविवि की कार्यप्रणाली पेपरलेस हो जाएगी।

वैलोट्रैक पर 29 से शुरू होगा काम

डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि कुलपति प्रो. तिवारी के नेतृत्व में वैलोट्रैक फाइल मैनेजमेंट सिस्टम का सफल परीक्षण पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि 29 जुलाई से इस पर फाइलों का काम शुरू हो जाएगा। पेरोल मैंजेमेंट सिस्टम का परीक्षण जल्द होगा। इससे बनाने में एमसीए अंतिम वर्ष के सुगम त्रिपाठी, राहुल कुमार मिश्र, जयंत सचदेव, सूरज सेठ, रमेश की भूमिका अहम है।

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