आईटीआई संस्थानों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के चार आईटीआई संस्थानों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। साथ ही इस मामले में समाज कल्याण विभाग से जवाब...
प्रयागराज। विधि संवाददाता
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के चार आईटीआई संस्थानों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। साथ ही इस मामले में समाज कल्याण विभाग से जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी की खंडपीठ ने पन्नालाल आईटीआई शाहजहांपुर रोड मथुरा और चार अन्य की याचिका पर दिया है। इन संस्थानों के खिलाफ समाज कल्याण विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई प्रारंभ की है। इन संस्थानों का कहना है कि वे नियमानुसार आईटीआई संस्थानों का संचालन कर रहे हैं। उनके यहां इलेक्ट्रॉनिक, मैकेनिकल, फिटर आदि की ट्रेनिंग दी जाती है। संस्थान सभी मानकों का पालन कर रहे हैं। अचानक एक समाचार प्रकाशन के आधार पर निदेशक नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग नई दिल्ली ने संस्थानों का निरीक्षण किया। उसके बाद सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। बाद में सब कुछ ठीक मिलने पर संस्थानों को संबद्धता सूची से बाहर कर दिया गया।
इसके बाद निदेशक समाज कल्याण उत्तर प्रदेश ने 28 दिसंबर 2020 को संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। व्यक्तिगत सुनवाई की तारीख भी तय कर दी ग्ई लेकिन उसी दिन एकतरफा कार्रवाई भी कर दी गई। संस्थाओं को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया।