दीप सजे, राम और हनुमान के गुणगान में जुटा प्रयागराज
महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर शनिवार को सुंदरकांड का पाठ कराया गया। शासन के निर्देश पर प्रशासन ने जिले के 11 स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हर कोई राम-जानकी और हनुमान के रंग में डूबा दिखा।...
महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर शनिवार को सुंदरकांड का पाठ कराया गया। शासन के निर्देश पर प्रशासन ने जिले के 11 स्थानों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हर कोई राम-जानकी और हनुमान के रंग में डूबा दिखा। मंदिरों में सुबह नौ बजे से सुंदरकांड पाठ शुरू हुआ। संस्कृत के पाठ में पांच से छह घंटे का वक्त लगा और फिर दीपदान किया गया।
महर्षि वाल्मीकि की जयंती पहली बार प्रशासन की ओर से शनिवार को मनाई गई। शहर के तीन स्थानों को वाल्मीकि रामायण के पाठ के लिए चुना गया। शनिवार का दिन होने के कारण सभी जगह सुंदरकांड का पाठ किया गया। भरद्वाज मंदिर में प्रशासन की टीम पहुंची। यहां आयोजन की जिम्मेदारी समाज कल्याण अधिकारी प्रवीण सिंह को दी गई। सुबह नौ बजे कार्यक्रम की शुरुआत हो गई। पुरोहितों की टीम ने जब सुंदरकांड में हनुमानजी की महिमा का बखान किया तो लोग भक्ति के रंग में डूब गए। लाउड स्पीकर पर आवाज दूर तक सुनाई दी। वहीं, बड़े हनुमान मंदिर परिसर में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की टीम पहुंची। यहां अपर्णा मिश्रा, कुसुम साहू, सरोज सिंह, उर्मिला देवी, रेणुका शर्मा, गीता मिश्रा, किरण सिंह, पुष्पा देवी, रजनी, रश्मि देवी, लक्ष्मी देवी आदि ने पाठ में हिस्सा लिया। डीपीओ मनोज राव, राजेंद्र त्रिपाठी विभाग की ओर से लगातार मौजूद रहे। तक्षकतीर्थ दरियाबाद में कार्यक्रम सुबह से शुरू हुआ। नोडल अधिकारी उप निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार ने बताया कि सभी जगह पर कार्यक्रम धूमधाम से हुआ। लाइट और साउंड सिस्टम लगाया गया। स्वच्छता के लिए भी टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिलें में शृंग्वेरपुर धाम, लाक्षागृह, लालापुर के मनकामेश्वर मंदिर, ककरा दुबावल के दुर्वासा आश्रम, ब्रह्म सुदिष्ट धाम, श्रीचक्र माधव मंदिर, श्रीआदि वेणी माधव मंदिर के साथ करछना के वाल्मीकि आश्रम में कार्यक्रम हुआ।
आजादी के बाद पहली बार हुआ आयोजन
पहली बार वाल्मीकि जयंती पर इस प्रकार का आयोजन देखकर लोग गदगद हुए। भरद्वाज आश्रम के पास रहने वाले विवेक गुप्ता ने कहा कि यहां पर तमाम आयोजन हुए। ऐसा आयोजन पहली बार देखा। मानसी शुक्ला ने कहा कि आनंद भवन और इलाहाबाद विश्वविद्यालय करीब होने के कारण ज्यादातर यह स्थान राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए ही जाना जाता है। अब तक ऐसा आयोजन नहीं हुआ। सुबह से मंदिर में शंख ध्वनि सुनाई दे रही है। साउंड सिस्टम पर श्रीराम के जयघोष हो रहे हैं। यह सुखद अनुभूति है।
शाम होते ही दीपों से जगमगाए देवालय
वो 11 स्थान जहां पर प्रशासन की ओर से पाठ कराया गया, वहां शाम होते ही दीप प्रज्ज्वलन का आयोजन हुआ। मंदिरों के आसपास सैकड़ों दीपों की रोशनी दिन ढलते ही जल उठी। एक पल को ऐसा लगा कि मानों दीपावली आज ही थी। भरद्वाज मंदिर की सीढ़ियों पर अधिकारी खुद मौजूद रहे। वहीं बड़े हनुमान मंदिर में योग गुरु स्वामी आनंद गिरि की मौजूदगी में दीपोत्सव मनाया गया।
ऋषिकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हुई गोष्ठी
ऋषिकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के मंदिर में वाल्मीकि जयंती मनाई गई। महर्षि वाल्मीकि का पूजन योगी सत्यम के नेतृत्व में हुआ। लोगों ने भगवान राम का जयघोष किया। इस दौरान गोष्ठी हुई। भाजपा पार्षद पवन श्रीवास्तव ने कहा कि इंसान की अगर इच्छा शक्ति उसके साथ हो तो वह कोई काम भी बड़े आराम से कर सकता है। महर्षि वाल्मीकि इसकी मिसाल हैं। गौरीश आहूजा, राजीव टंडन, पूर्व पार्षद नीरज गुप्ता, विनोद सोनकर, अंकित सोनकर, कुशाग्र श्रीवास्तव, मुकेश यादव आदि मौजूद रहे।
