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57 की उम्र में पास की परीक्षा, 5 साल के लिए बनेंगे शिक्षक

परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के लिए सोमवार को जारी जिला आवंटन लिस्ट में कुछ शिक्षामित्र ऐसे भी पास हुए हैं, जो अब रिटायरमेंट के करीब हैं। जिला आवंटन की सूची में शामिल...

57 की उम्र में पास की परीक्षा, 5 साल के लिए बनेंगे शिक्षक
हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराजWed, 03 Jun 2020 04:31 PM
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परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के लिए सोमवार को जारी जिला आवंटन लिस्ट में कुछ शिक्षामित्र ऐसे भी पास हुए हैं, जो अब रिटायरमेंट के करीब हैं। नाती-पोते खिलाने की उम्र में पहले टीईटी और फिर इतनी कठिन शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर इन 'चिरयुवाओं' ने साबित कर दिया है कि आसमान में सुराख करना नामुमकिन नहीं है। जिला आवंटन की सूची में शामिल 67,867 अभ्यर्थियों में से चार शिक्षामित्र ऐसे हैं जिन्होंने 57 साल की उम्र में सफलता पाई है। ये अलग बात है कि सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष होने के कारण इन्हें पांच साल ही शिक्षण का मौका मिलेगा।

वैसे तो सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए अधिकतम आयुसीमा 40 वर्ष है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार शिक्षामित्रों को इससे छूट मिली है। सबसे उम्रदराज शिव कुमार (जन्मतिथि 20 फरवरी 1963) को अयोध्या जिला आवंटित हुआ है। बाबू राम (जन्मतिथि 15 जून 1963) को पीलीभीत, सुधीश सिंह (जन्मतिथि 1 जुलाई 1963) को फर्रुखाबाद और सुरेश चन्द्र (जन्मतिथि 7 जुलाई 1963) को रायबरेली जिला आवंटित हुआ है।

तीन-तीन शिक्षामित्र 56 व 55 साल में हुए सफल

शिक्षक भर्ती में तीन-तीन शिक्षामित्र 56 व 55 साल की उम्र में जबकि 11 शिक्षामित्रों ने 54 साल की अवस्था में सफलता हासिल की है। ईश कुमार फिरोजाबाद, राजेन्द्र प्रसाद यादव प्रयागराज और शिव कुमार अमेठी ने 56 साल जबकि मो. फारूक आलम सीतापुर, हरेन्द्र सिंह फिरोजाबाद और मो. सलाहुद्दीन प्रयागराज 55 वर्ष की उम्र में शिक्षक बनने का गौरव हासिल करेंगे।

23 साल में पाई नौकरी, 39 साल पढ़ाएंगे

यह भर्ती चयनितों के उम्र में अंतर के लिहाज से भी याद की जाएगी। एक ओर 57 साल में शिक्षामित्रों का चयन हुआ है तो वहीं 23 साल के सैकड़ों नौजवान भी लिस्ट में शामिल हैं। शिक्षक भर्ती की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है। एक दिसंबर 2018 को जारी विज्ञापन में न्यूनतम आयु एक जुलाई 2018 को 21 वर्ष होनी चाहिए थी। भर्ती में डेढ़ साल की देरी होने से इन अभ्यर्थियों की उम्र 23 साल के आसपास पहुंच गई है। इस लिहाज से एक जुलाई 1997 या उससे पहले जन्म लेने वाले अभ्यर्थी अर्ह थे। सेवानिवृत्ति आयु 62 साल होने के कारण इन युवाओं को 39 साल पढ़ाने का अवसर मिलेगा। कमल सिंह पटेल (12 फरवरी 1997) को प्रयागराज, आशीष पटेल (2 मार्च 1997) फतेहपुर, प्रणव (22 अप्रैल 1997) फतेहपुर, दिव्या सिंह सचान (12 फरवरी 1997) फतेहपुर, निधि पटेल (14 जुलाई 1997) फतेहपुर, अर्जुन सिंह (एक जुलाई 1997) लखनऊ, कुमारी खुशबू (20 फरवरी 1997) सुल्तानपुर, अर्चिता वर्मा (5 अप्रैल 1997) रायबरेली, शिखा यादव (7 जनवरी 1997) शाहजहांपुर और धीरज चौहान (19 जनवरी 1997) बिजनौर समेत कई अभ्यर्थी हैं जो 23 साल की उम्र में सरकारी टीचर बनने जा रहे हैं।

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