पीड़ा: मासूम बेटी मांगती रही मदद, पिता ने तोड़ दिया दम
12 साल की एक बच्ची अपनी पिता की जिंदगी बचाने के लिए फोन पर फोन मिलाती रही। एंबुलेंस बुलाई, और भी कई जगह फोन...
प्रयागराज। वरिष्ठ संवाददाता
12 साल की एक बच्ची अपनी पिता की जिंदगी बचाने के लिए फोन पर फोन मिलाती रही। एंबुलेंस बुलाई, और भी कई जगह फोन किया। कहीं से कोई मदद नहीं मिली। एंबुलेंस पहुंचने से पहले बच्ची के पिता की जान चली गई।
करेली निवासी विनय पांडेय कई दिनों से बीमार थे। क्षेत्र के ही एक प्राइवेट स्कूल में नौकरी करने वाले विनय की सोमवार शाम चार बजे तबीयत अधिक बिगड़ने लगी और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। विनय की 12 साल की बेटी सोना ने एंबुलेंस, अस्पताल के अलावा कई जगह फोन कर मदद मांगी लेकिन एंबुलेंस पहुंचने में काफी देर हो गई।
मां और पांच साल के छोटे भाई के साथ सोना अपने पिता की अर्थी के पास पूरी रात बैठी रही। मंगलवार सुबह इसकी जानकारी होने पर सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल सलाम अपने साथियों के साथ विनय के घर पहुंचे। विनय की बेटी ने रोते हुए पूरी बात बताई। इसके बाद अब्दुल ने अपने साथी, अरशद, मु्न्नाजी की मदद से विनय की अर्थी का इंतजाम किया और उनके रिश्तेदारों को बुलाया।
अर्थी को शव वाहन से ककरहाघाट ले जाया गया। बेटा बहुत छोटा होने के कारण पांच रिश्तेदारों ने विनय को मुखाग्नि दी। अब्दुल ने बताया कि विनय को समय से इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी। विनय की बेटी ने पिता को बचाने के लिए सभी दरवाजे खटखटाए लेकिन कहीं से समय पर मदद नहीं मिली।
