खोया-पाया केंद्र में थी मां, आसपास खोजती रही बेटी
Prayagraj News - महाकुम्भ नगर में मकर संक्रांति स्नान पर्व पर मां-बेटी बिछड़ गईं। बेटी बेबी ने दो दिन मां को खोजा लेकिन वह नहीं मिली। अंततः खोया-पाया केंद्र में जानकारी मिली कि मां वहीं है। बेबी सोमवार को मां को लेने...
महाकुम्भ नगर। मकर संक्रांति स्नान पर्व पर सोनभद्र से संगम स्नान करने आईं मां-बेटी महाकुम्भ नगर में बिछड़ गईं। बेटी बेबी ने मां को दो दिन मेले में खोजा। मां सीता देवी नहीं मिली तो निराश होकर सोनभद्र लौट गई। मां खोया-पाया केंद्र में थी और बेटी आसपास खोजती रही। भूले-भटके शिविरों में बताया गया कि मेला प्रशासन ने एनाउंसमेंट बंद कर दिया। एनाउंसमेंट होता तो मां पहले ही मिल जाती। बेबी ने आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान को बताया कि स्नान घाट पर मां का साथ छूटा। उसकी मां को किसी ने खोया-पाया केंद्र पहुंचा दिया। मां को खोया-पाया केंद्र के पास भूले-भटके शिविर में खोजती रही। दो दिन तक मां का पता नहीं चलने पर निराश होकर वापस सोनभद्र चली गई। मां के मिलने की उम्मीद छोड़ चुकी थी।
बेबी के अनुसार, रविवार को उसकी मौसी के पास फोन गया। फोन में उसकी मां के खोया-पाया केंद्र में होने की जानकारी दी गई। इस पर बेबी अपनी मां को लेने सोमवार सुबह महाकुम्भ नगर आई। खोया-पाया केंद्र से मां को लेने के बाद बेबी भूले-भटके शिविर में आराम करने के लिए पहुंची और एक-दूसरे से लिपटकर रोने लगीं। बेबी ने बताया कि उसके पिता, भाई-बहन नहीं हैं। पति के साथ भी नहीं रहती। मां ही उसका सहारा है।
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