आधुनिक मशीन करेगी मोतियाबिंद की जांच
बढ़ती उम्र के साथ आंखों में मोतियाबिंद की बीमारी आम है। इसकी प्रारंभिक स्तर पर जांच करने के लिए एमएनएनआईटी ने अत्याधुनिक मशीन ईजाद की है। इस मशीन से कोई भी साक्षर व्यक्ति के आंखों की स्क्रीनिंग कर...
बढ़ती उम्र के साथ आंखों में मोतियाबिंद की बीमारी आम है। इसकी प्रारंभिक स्तर पर जांच करने के लिए एमएनएनआईटी ने अत्याधुनिक मशीन ईजाद की है। इस मशीन से कोई भी साक्षर व्यक्ति के आंखों की स्क्रीनिंग कर सकता है। मोतियाबिंद की शुरुआत में ही इसकी जानकारी हो जाएगी और संबंधित व्यक्ति समय रहते आंख के डॉक्टर से इसका उपचार करा सकेगा। आखों की जांच इमेज प्रोसेसिंग एंड लर्निंग मशीन से होगी।
संस्थान के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ईसी) ब्रांच के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बसंत कुमार और उनके शोध छात्र शाश्वत पाठक ने कैटरेक्ट डिटेक्शन एंड ग्रेडिंग सिस्टम से इमेज प्रोसेसिंग एंड लर्निंग मशीन तैयार की है। इससे मोतियाबिंद की सुगमता से पहचान की जा सकेगी। डॉ. बसंत ने बताया कि इस मशीन को बनाने में तीन साल से अधिक का समय लगा है। इस मशीन को चलाने के लिए डॉक्टर का होना जरूरी नहीं है। कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति मशीन को संचालित कर आंखों की स्क्रीनिंग कर सकता है। जांच में मोतियाबिंद के लक्षण मिलने पर वह मरीज को आंख के डॉक्टर को रिफर कर देगा।
डॉ. बसंत ने बताया कि इस मशीन का फील्ड ट्रायल के साथ ही पेंटेंट भी हो चुका है। स्टार्टअप के जरिए शोध छात्र एक कंपनी से समन्वय कर रहा है। जल्द ही यह मशीन बाजार में उपल्बध होगी। अनुमान है कि यह मशीन काफी सस्ती (लगभग पांच हजार रुपये) में बाजार में मिल जाएगी। अभी मार्केट में जो मशीनें कैटरेक्ट जांच के लिए उपलब्ध हैं वह लगभग पचास हजार रुपये की हैं। लेकिन वह ऑटोमेटिक मशीन नहीं है।