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बंजर भूमि में सोना उगाने में जुटे घर लौटे प्रवासी श्रमिक

लॉकडाउन में अपने घर आए प्रवासी मजदूर इस समय बंजर भूमि से अनाज रूपी सोना उगाने में जुटे हुए हैं। प्रवासी मजदूरों की घर वापसी से इस बार खेती का दायरा बढ़ गया...

बंजर भूमि में सोना उगाने में जुटे घर लौटे प्रवासी श्रमिक
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,प्रयागराजThu, 23 Jul 2020 04:43 PM
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लॉकडाउन में अपने घर आए प्रवासी मजदूर इस समय बंजर भूमि से अनाज रूपी सोना उगाने में जुटे हुए हैं। प्रवासी मजदूरों की घर वापसी से इस बार खेती का दायरा बढ़ गया है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार में इस वर्ष 25 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में धान व अन्य फसलों की खेती की गई है। इसमें सात हजार हेक्टेयर के आसपास बंजर भूमि पर घर वापस आए प्रवासियों ने पसीना बहा कर खेती योग्य बनाया है।

वर्षों से जो खेत परती रहते थे उन खेतों में भी इस बार धान की फसल लहलहा रही है। जो भूमि बंजर थी उसमें प्रवासी मजदूरों ने परिवारजनों के साथ मिलकर सब्जी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब घर आए प्रवासी मजदूरों ने बाहर जाकर नौकरी करने से भी तौबा कर ली है। दुबई से आए प्रदीप तिवारी, सूरत से आए दीनानाथ पांडेय, मुम्बई से आए इकबाल और तौफीक अहमद जैसे हजारों लोग घर आकर खेती करने में जुटे हैं।

प्रवासी मजदूरों की घर वापसी से जहां जिले में पहले 5.55 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य थी, वहीं अब 5.80 लाख हेक्टेयर भूमि में खेती की गई है। 25 हजार हेक्टेयर भूमि पर जो खेती हो रही है उसमें सबसे ज्यादा 17 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है। हरी सब्जी, मटर, परवर, गोभी शिमला मिर्च आदि की खेती आठ हजार हेक्टेयर में इस बार हुई है।

वर्जन----

प्रवासी मजदूरों की घर वापसी से खेती का दायरा बहुत बढ़ गया है। सालों से परती और बंजर भूमि पर भी लोगों ने इस बार बेहतरीन तरीके से धान व सब्जी की खेती कर आय के स्रोत को तैयार किया है।

डॉ.अश्वनी कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी प्रयागराज

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