अहंकार से शुरू होता है मनुष्य का पतन: नवल किशोर
ब्रह्मविद्या विहंगम योग प्रयाग संत समाज की ओर से आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान (ईएलटीआई) एलनगंज में रविवार को विहंगम योग दर्शन पर परिचर्चा आयोजित की गई। विहंगम योग साधक एवं माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड...

ब्रह्मविद्या विहंगम योग प्रयाग संत समाज की ओर से आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान (ईएलटीआई) एलनगंज में रविवार को विहंगम योग दर्शन पर परिचर्चा आयोजित की गई। विहंगम योग साधक एवं माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के उपसचिव नवल किशोर ने कहा कि अहंकार से मनुष्य का पतन शुरू होता है। इसलिए हमें सावधान रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहाकि हमें अहंकार शून्य होने के लिए विहंगम योग की आवश्यकता है। जैसे रोग होने से औषधि की जरूरत पड़ती है, नदी होने से नाव की आवश्यकता है, इसी प्रकार यदि संसार को एक सागर मानें, तो सागर से पार होने के लिए विहंगम ज्ञान की आवश्यकता है। ब्रह्मविद्या विहंगम योग संत समाज मध्य प्रदेश के अध्यक्ष राकेश नाथ तिवारी, विजय बहादुर सिंह, रामबाबू गुप्ता आदि रहे।
