महाकुम्भ में होगा देशभर के शिक्षाविदों का संगम
Prayagraj News - इस महाकुंभ में देशभर के शिक्षाविदों का संगम होगा। 10 जनवरी को उद्घाटन के बाद, 7 से 9 फरवरी तक 'भारतीय शिक्षा: राष्ट्रीय संकल्पना' पर सम्मेलन होंगे। इसके साथ हरित महाकुंभ में 30 लाख थैले और थाली बांटे...

प्रयागराज मुख्य संवाददाता। इस महाकुम्भ में देशभर के शिक्षाविदों का भी संगम होगा। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की ओर से सेक्टर आठ में ज्ञान महाकुंभ का शिविर लगाया जा रहा है। इसका उद्घाटन 10 जनवरी को होगा। शिविर में सात से नौ फरवरी तक 'भारतीय शिक्षा: राष्ट्रीय संकल्पना' विषय पर शिक्षाविदों का समागम होगा। सात फरवरी को निजी शैक्षिक संस्थाओं की भूमिका पर राष्ट्रीय सम्मेलन, आठ फरवरी को महिला सम्मेलन, छात्र सम्मेलन और आचार्य सम्मेलन तथा भारतीय ज्ञान परंपरा और भारतीय भाषा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी।
नौ फरवरी को शासन-प्रशासन की शिक्षा में भूमिका पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन होगा। रविवार को ट्रिपलआईटी झलवा में न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने बताया कि ज्ञान महाकुंभ में सात से नौ फरवरी तक विशेष कार्यक्रम होंगे। देशभर से जुटने वाले विद्वान भारतीय ज्ञान परंपरा, नैतिक मूल्यों पर मंथन करेंगे। इस ऐतिहासिक आयोजन में एक हजार से अधिक प्रमुख शिक्षाविद, विश्वविद्यालयों के कुलपति, केंद्र और राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री, सचिव स्तर के अधिकारी और देशभर के शिक्षाविद भाग लेंगे।
31 जनवरी को हरित महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा। महाकुंभ में वैदिक गणित, भारतीय भाषा, और आत्मनिर्भर शिक्षा प्रणाली पर मंथन होगा। इसमें वैदिक गणित और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर विशेष कक्षाएं चलेंगी। भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित पुस्तक स्टाल और प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। एक फरवरी को 'देश का नाम भारत' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी, जिसमें भारतीय पहचान और नामकरण के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक महत्व पर चर्चा होगी।
महाकुंभ में बांटे जाएंगे 30 लाख थैले और थाली
महाकुंभ को 'हरित महाकुंभ' बनाने के लिए कचरा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के विशेष प्रयास होंगे। इसके लिए 'एक थैला, एक थाली योजना' पहल की गई है। इसके तहत महाकुंभ में 30 लाख थैले और थाली का वितरण होगा ताकि प्लास्टिक और कचरे को कम किया जा सके। इसके लिए अखाड़ों से संपर्क किया जा रहा है।
दूसरे संस्थानों को करेंगे प्रेरित
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ के कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल ने बताया कि उनके विश्वविद्यालय में जनजातीय बच्चों के लिए 'स्वाभिमान थाली' योजना चलाई जा रही है, जिसमें बच्चों को 10 रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही 'सुदामा योजना' के तहत कुलपति कोष बनाया गया है, जिसमें अब तक 70 लाख रुपये जमा हुए हैं। इस तरह के नवाचार ज्ञान महाकुंभ में प्रस्तुत किए जाएंगे ताकि अन्य संस्थान भी प्रेरणा ले सकें।
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