Investigation Reveals Panchayats Misreported Cattle Count in Prayagraj तो क्या दस हजार पशुओं का चारा खा रही थीं पंचायतें, Prayagraj Hindi News - Hindustan
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तो क्या दस हजार पशुओं का चारा खा रही थीं पंचायतें

Prayagraj News - प्रयागराज में सीडीओ की जांच में पता चला है कि पंचायतें गोशालाओं में गोवंशों की संख्या को कम बता रही थीं। वास्तव में 10,000 गोवंश कम थे, जबकि 35,000 का प्रस्ताव दिया गया था। इससे बजट में धोखाधड़ी हुई।...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजMon, 6 Oct 2025 10:57 AM
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तो क्या दस हजार पशुओं का चारा खा रही थीं पंचायतें

प्रयागराज। तो क्या दस हजार पशुओं का चारा खा रही थीं पंचायतें ? यह सवाल उठा है सीडीओ की ओर से कराई गई एक जांच के बाद। इसमें पाया गया कि गोशालाओं में गोवंशों की जो संख्या बताई गई है, वास्तव में वहां उससे लगभग दस हजार गोवंश कम हैं। शासन से इन दस हजार गोवंश के नाम पर भी चारा का बजट लिया जा रहा था। सीडीओ की पहल पर अब गोशालाओं की सूची संशोधित की गई है। गोशालाओं में रहने वाले गोवंशों के लिए प्रदेश सरकार प्रति गोवंश, प्रतिदिन चारा आदि के लिए 50 रुपये का भुगतान करती है।

जिले में इस वक्त 132 गोशालाएं हैं। जिसमें पंजीकृत गोवंशों की संख्या 35 हजार दिखाई गई थी। जबकि वास्तविकता यह है कि बीमारी एवं अन्य कारणों से दस हजार गोवंश नहीं रहे। गोशालाओं में जीवित गोवंशों की संख्या 25 हजार ही हैं। गोवंशों के चारे के लिए ग्राम पंचायतों की ओर से बजट का प्रस्ताव दिया जाता है, जिसका मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अनुमोदन करते हैं। इसके बाद सीडीओ की ओर से बजट का प्रस्ताव शासन को भेजा जाता है। फिर निदेशालय के स्तर से धनराशि सीधे संबंधित ग्राम पंचायतों के खाते में भेजी जाती है। ग्राम पंचायतों ने दस हजार गोवंशों की सूची गायब कर दी और 35 हजार का प्रस्ताव भेज दिया। इसी के हिसाब से धनराशि इनके खाते में भेज दी गई। शिकायत आने के बाद सीडीओ ने गोशालाओं की सूची की जांच कराई तो सच्चाई सामने आई। सीडीओ हर्षिका सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायतों से वास्तविक सूची मंगाकर अब इसमें सुधार कर लिया गया है।

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