ईडीएफसी पर डेढ़ किमी लंबी 'एनाकोंडा' का सफल ट्रायल
Prayagraj News - रेलवे ने पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) पर चार मालगाड़ियों को जोड़कर 'एनाकोंडा' नाम से सफल परीक्षण किया। यह कोयला, सीमेंट और पेट्रोलियम उत्पादों की तेज ढुलाई में मदद करेगा। इस कदम से माल...
प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। रेलवे ने पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) पर पिछले दिनों चार मालगाड़ियों को जोड़कर चलाने का सफल परीक्षण किया गया है। लगभग डेढ़ किमी लंबी इस ट्रेन को ‘एनाकोंडा नाम दिया गया। यह ट्रायल कोयला, सीमेंट और पेट्रोलियम उत्पादों की तेज व प्रभावी ढुलाई के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।
अब तक अलग-अलग रूट पर दो-दो मालगाड़ियों को जोड़कर ‘शेषनाग और ‘नागवासुकि नाम से ट्रायल किया गया था लेकिन इस बार चार मालगाड़ियों को जोड़कर एक साथ चलाया गया। यह ट्रालय रन पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से धनबाद के बीच किया गया। ईडीएफसी पर इस सफलता के बाद माल ढुलाई की गति और क्षमता में बड़ी वृद्धि की उम्मीद है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, ‘एनाकोंडा की सफलता से मालगाड़ियों की ढुलाई तेज होगी और समय के साथ-साथ लागत में भी कमी आएगी। यह कदम पर्यावरण के अनुकूल और आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित होगा।
महाकुम्भ 2025 को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने सभी मालगाड़ियों को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर स्थानांतरित कर दिया है। इससे यात्री ट्रेनों के लिए मुख्य ट्रैक्स खाली रहेंगे और महाकुम्भ के दौरान 13 हजार विशेष ट्रेनें सुचारू रूप से चलाई जा सकेंगी। रेलमंत्री ने एक दिन पहले ईडीएफसी के कंट्रोल रूम में जाकर तैयारियां देखी थीं। ईडीएफसी पर इस उपलब्धि से न केवल मालवाहन की दक्षता में सुधार होगा, बल्कि भारतीय रेलवे के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का रास्ता भी खुलेगा। एनाकोंडा जैसे प्रयोग भविष्य के लिए रेलवे की क्षमता बढ़ाने और इसे वैश्विक मानकों के करीब ले जाने में अहम भूमिका निभाएंगे।
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