ड्रोन और एआई से रेलवे करेगा भीड़ नियंत्रण
रेलवे ने महाकुम्भ मेले 2025 के लिए यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नई तकनीकों का उपयोग किया है। सुरक्षा उपकरणों में बॉडी-वॉर्न कैमरे, ड्रोन, और स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं।...
रेलवे ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और अन्य अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से यात्रियों की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष कदम उठाए हैं। महाकुम्भ मेले की तैयारी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने सुरक्षा उपकरणों में बॉडी-वॉर्न कैमरा, ड्रोन और बॉडी प्रोटेक्टर जैसे उपकरण खरीदे हैं। ड्रोन की मदद से आठ किलोमीटर के दायरे में आरपीएफ हर पल निगरानी करेगी, जिससे आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। उत्तर मध्य रेलवे ने रेलवे कर्मचारियों और सुरक्षा बलों को भीड़ नियंत्रण, आपदा प्रबंधन और संचार कौशल की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके तहत, स्टेशन और ओवरब्रिज पर लगाई गई सुरक्षा प्रणालियों में जैसे ही भीड़ बढ़ने लगेगी, एआई की मदद से स्वत: अलर्ट जारी हो जाएगा। कंट्रोल रूम से हर पल वहां पर निगरानी की जाएगी। महाकुम्भ 2025 के लिए रेलवे ने 8,000 से अधिक कर्मचारियों की तैनाती की है, जिसमें 4,200 आरपीएफ के जवान शामिल होंगे। जीआरपी, आरपीएफ और अन्य रेलकर्मियों के बीच समन्वय को बढ़ावा देने के लिए टीमों का गठन किया गया है, जिन्हें सॉफ्ट स्किल्स का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं की हर संभव मदद करना और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
महाकुम्भ की तैयारी पर रेलवे करीब 935 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। वहीं, रेल मार्गों के दोहरीकरण पर 4,000 करोड़ रुपये की लागत आ रही है। रेलवे ने घोषणा की है कि अक्टूबर में 35 प्रमुख कार्य पूरे हो जाएंगे, जबकि नवंबर में 15 और दिसंबर में 4 कार्य बचे रहेंगे, जो महाकुम्भ से पहले पूरे कर लिए जाएंगे।
प्रमुख सुविधाएं:
1. मे आई हेल्प यू: श्रद्धालुओं की मदद के लिए प्रयागराज जंक्शन और छिवकी स्टेशन पर ‘मे आई हेल्प यू की सुविधा उपलब्ध होगी।
2. टिकट सुविधा: हर घंटे 60,000 श्रद्धालुओं को स्टेशन और स्टेशन के बाहर टिकट उपलब्ध कराए जाएंगे।
3. चिकित्सा सेवाएं: प्रयागराज जंक्शन पर छह बेड का और छिवकी स्टेशन पर दो बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है।
4. एम्बुलेंस सेवा: श्रद्धालुओं की तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए 10 एम्बुलेंस तैनात की गई हैं।
5. मोबाइल यूटीएस सुविधा: श्रद्धालुओं के टिकट के लिए 96 मोबाइल यूटीएस (अनारक्षित टिकट प्रणाली) उपलब्ध कराई जा रही है।
6. स्नान पर्व के दौरान व्यवस्था: स्नान पर्व के समय प्रवेश और निकासी के लिए एकतरफा व्यवस्था की जाएगी, साथ ही पार्किंग की भी उचित व्यवस्था की जाएगी।
7. ट्रेनें: पीक आवर के अलावा श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन 140 ट्रेनें चलाई जाएंगी। स्नान पर्व के लिए अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जाएंगी
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।