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बीएड का बढ़ा क्रेज, बंद होने लगे डीएलएड कॉलेज

परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में बीएड मान्य होने के बाद से डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड या पूर्व में बीटीसी) का क्रेज लगातार घटता जा रहा...

बीएड का बढ़ा क्रेज, बंद होने लगे डीएलएड कॉलेज
हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराजTue, 17 May 2022 02:10 PM
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प्रयागराज। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में बीएड मान्य होने के बाद से डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड या पूर्व में बीटीसी) का क्रेज लगातार घटता जा रहा है। स्थिति यह है कि अब प्राइवेट डीएलएड कॉलेजों पर ताले पड़ने लगे हैं। ऐसे समय में जबकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय डीएलएड-2022 सत्र के प्रवेश की तैयारियों में जुटा है, पश्चिमी यूपी के सात निजी डीएलएड कॉलेजों ने एडमिशन लेने से इनकार कर दिया है। इन कॉलेजों को पिछले साल एक भी छात्र नहीं मिला था।

कभी नौकरी की गारंटी रहे डीएलएड के 2021 सत्र में प्रदेश के 106 प्राइवेट कॉलेजों को एक भी छात्र नहीं मिला था। सैकड़ों कॉलेज ऐसे थे जिन्हें बमुश्किल एक दर्जन छात्र मिले थे। 2020 का सत्र शून्य होने के कारण प्रवेश नहीं हुआ और 2021 में डीएलएड की 218300 सीटों में से 96134 ही भरी जा सकी थी। आधी से अधिक 132766 सीटें खाली रह गई थी। आधी सीटें भी नहीं भरने के कारण निजी कॉलेजों की कमाई पूरी तरह से खत्म हो गई और इनके सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है।

आंकड़ों पर एक नजर

-3087 प्राइवेट डीएलएड कॉलेज पूरे प्रदेश में हैं

-218300 डीएलएड की सीटों पर होता है प्रवेश

-96134 सीटें ही 2021 में भरी जा सकी थी

बीएड में दाखिला लेने लगे बेरोजगार

प्रयागराज। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 28 जून 2018 को बीएड डिग्रीधारियों को भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में मान्य कर दिया था। चूंकि डीएलएड करने के बाद अभ्यर्थी सिर्फ कक्षा एक से आठ तक की शिक्षक भर्ती में ही आवेदन कर सकते हैं और बीएड करने के बाद कक्षा एक से 10 तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए अर्ह हो जाते हैं। इसलिए अभ्यर्थी डीएलएड की तुलना में बीएड को प्राथमिकता देते हैं।

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