त्योहारी सीजन में बंपर ऑफर पर उम्मीद को लगेगा झटका
त्योहारी सीजन में आरबीआई ने आशा के विपरीत रेपो रेट में कोई रियायत नहीं दी है। इससे प्रयागराज के व्यापारी काफी निराश...
त्योहारी सीजन में आरबीआई ने आशा के विपरीत रेपो रेट में कोई रियायत नहीं दी है। इससे प्रयागराज के व्यापारी काफी निराश हैं। विशेषज्ञों की मानें तो फिलहाल महंगाई की दर जिस अनुपात में बढ़ रही है, उस पर लगाम लगाने के लिए रेपो रेट में कमी करना जरूरी था। फिलहाल आरबीआई ने ऐसा नहीं किया जिससे त्योहारी सीजन में बम्पर ऑफर के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ सकता है।
आमतौर पर दशहरा और दिवाली जैसे पर्व पर बाजार में बंपर ऑफर आता है। बैंकों से सस्ते दर पर लोन मिलने का असर बाजार पर पड़ता है। व्यापारी अपने उत्पाद की कीमत कुछ कम करते हैं और इसका फायदा आम उपभोक्ताओं को बंपर ऑफर के रूप में मिलता है। कांफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि रेपो रेट कम न होने से बंपर ऑफर इस बार मिलता नहीं दिख रहा है। इस पर सरकार को तत्काल काम करना होगा।
महंगाई की दर पर नियंत्रण मुश्किल
इस वक्त दाल की कीमतें आसमान छू रही रही हैं। थोक बाजार में मूल्य में उछाल का असर फुटकर बाजार पर पड़ रहा है। सस्ता लोन नहीं मिलेगा तो मूल्यों में गिरावट संभव नहीं है। इसके साथ ही ट्रांसपोर्टेशन भी महंगा हो गया है। जिसके चलते दूसरे उत्पाद भी महंगे हैं। इस पर लगाम नहीं लग सकेगी।
फिलहाल नहीं होगी बचत
केंद्रीय प्रत्यक्षकर सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल की मानें तो इससे व्यापार को घाटा तो नहीं होगा, लेकिन बचत जरूर प्रभावित होगी। व्यापारी बैंकों से ऋण लेकर ही बिजनेस करता है। ऐसे में अगर ब्याज दर पर राहत नहीं होगी तो जो बचत व्यापारी की होती थी वो तो नहीं होगी।
क्या है कारण
लॉकडाउन के समय में सरकार ने तमाम योजनाएं चलाई। रेड़ी पटरी दुकानदारों को भी 10 हजार रुपये का ऋण बिना किसी लागत के दिया। साथ ही तीन साल के लिए 15 लाख का ऋण बिना सिक्योरिटी के दिया। ऐसी तमाम योजनाओं के कारण सरकार ने फिलहाल इस पर छूट नहीं दी है। डॉ. पवन जायसवाल का कहना है कि आने वाले समय में उम्मीद की जानी चाहिए कि मौद्रिक समीक्षा कमेटी इस पर कुछ राहत देगी।
व्यापारियों की मांग
- रेपो रेट कम कर इसे तत्काल लागू कराया जाए।
- लॉकडाउन के चार महीनों का ब्याज माफ किया जाए।
- ब्याज दर में छूट आने वाले साल से नहीं बल्कि इसी साल से लागू हो।