मनरेगा में अनियमितता पर हाईकोर्ट ने मांगी जानकारी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति के कई जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा के वित्तीय घोटाले को गंभीरता से लिया है। साथ ही आरोपों पर 27 अगस्त तक जानकारी मांगी...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति के कई जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा के वित्तीय घोटाले को गंभीरता से लिया है। साथ ही आरोपों पर 27 अगस्त तक जानकारी मांगी है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल एवं न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने मिर्जापुर के लालता प्रसाद मौर्या की जनहित याचिका पर अधिवक्ता शैलेश पांडेय को सुनकर दिया है। एडवोकेट शैलेश पांडेय ने कोर्ट को बताया कि मिर्जापुर में सिटी विकासखंड में छीतपुर के प्रधान व पूर्व प्रधान और सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से मनरेगा में लाखों रुपये की वित्तीय अनियमितता की गई है। एडवोकेट शैलेश पांडेय के अनुसार याचिका में आरोप लगाया गया है कि एक ही व्यक्ति के कई जॉब कार्ड बनाकर लाखों रुपये की अनियमितता की गई है। गांव में न रहने वाले व्यक्तियों के भी फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए हैं। उन्होंने कई ऐसे लोगों के साक्ष्य भी प्रस्तुत किए, जिन्होंने जिस समय व तारीख का मनरेगा भुगतान लिया, उसी समय वे प्राइवेट कम्पनी में काम कर रहे थे।