बेसिक में किताबों की खरीद शुरू, यूपी बोर्ड को अनुमति का इंतजार
Prayagraj News - प्रयागराज में कक्षा एक से आठ के बच्चों को नि:शुल्क किताबें समय पर मिलेंगी, लेकिन यूपी बोर्ड के कक्षा नौ से 12 के एक करोड़ छात्र किताबों के लिए इंतजार कर सकते हैं। एनसीईआरटी ने 2024-25 सत्र के लिए...
प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद के सवा लाख से अधिक स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को तो आगामी सत्र में भी नि:शुल्क किताबें समय से मिल जाएगी लेकिन यूपी बोर्ड के 27 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को इंतजार करना पड़ सकता है। कक्षा एक से आठ तक की किताबों का टेंडर खुल चुका है और मार्च अंत तक पुस्तकें जिलों को उपलब्ध हो जाएगी। इसके ठीक उलट यूपी बोर्ड को अब तक शासन की अनुमति ही नहीं मिल सकी है। 2021 की रॉयल्टी और जीएसटी का दो करोड़ से अधिक रुपया नहीं मिलने पर एनसीईआरटी ने 2024-25 सत्र में किताबों के प्रकाशन का अधिकार देने से इनकार कर दिया था। किताबें नहीं छपने के कारण यूपी बोर्ड की भी काफी किरकिरी हुई थी। मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण बोर्ड के अफसरों ने शासन से यह धनराशि देने का अनुरोध किया था ताकि एनसीईआरटी से प्रकाशन का अधिकार लेकर 2025-26 सत्र की किताबें समय से छपवाई जा सके।
सूत्रों के अनुसार धनराशि देने के लिए शासन से सैद्धांतिक सहमति भी मिल गई थी लेकिन आज तक धनराशि जारी नहीं हो सकी है। धनराशि मिलने के बाद पहले एनसीईआरटी को भुगतान होगा और उसके बाद किताबों के प्रकाशन की प्रक्रिया शुरू होगी। शासन के स्तर से अनुमति मिलने में अब और देरी होती है तो एक अप्रैल से पहले किताबें छपना मुश्किल होगा। गौरतलब है कि कोरोना काल में किताबें नहीं बिकने से नुकसान होने के कारण रॉयल्टी और जीएसटी देने में असमर्थता जताते हुए प्रकाशकों ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी थी।
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