काशी विश्वनाथ का प्रतिरूप हैं बाबा लोकनाथ
Prayagraj News - प्रयागराज के लोकनाथ मोहल्ले में देसी खानपान का विशेष महत्व है। यहां के समोसे, रबड़ी और लस्सी का स्वाद देशभर में प्रसिद्ध है। बाबा लोकनाथ का मंदिर भी इस क्षेत्र की पहचान है, जो स्कंद पुराण में उल्लेखित...

महाकुम्भ नगर, प्रमुख संवाददाता। प्रयागराज के पुराने शहर का मोहल्ला लोकनाथ देसी खानपान के लिए जाना जाता है। यहां की रबड़ी, मलाई, लस्सी, समोसे का लजीज स्वाद चखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। यहा का हरि का समोसा विदेशों तक लोकप्रिय है। लोकनाथ में ही भारती भवन लाइब्रेरी की अलग पहचान है। इसी मोहल्ले में भगवान भोलेनाथ का मंदिर भी है, जिसे काशी विश्वनाथ का प्रतिरूप माना जाता है।
भारती भवन लाइब्रेरी के पीछे बाबा लोकनाथ का मंदिर है। बाबा लोकनाथ मंदिर के पुजारी गौरी शंकर पांडेय ने बताया कि इस मंदिर का वर्णन स्कंद पुराण में है। स्कंद पुराण के रेवा खंड में ‘वामदेव महादेव देव-देव सुरेश्वरः, लोकनाथ पाहि-पाहि प्राणनाथ कृपाकर के रूप में मिलता है। इसके अतिरिक्त महाभारत के शांति पर्व में भी प्रयाग के बाबा लोकनाथ का वर्णन आया है। सावन माह, प्रदोष और शिवरात्रि के दिन लोकनाथ महादेव का विशेष रूप से पूजन होता है। न केवल प्रयागराजवासी बल्कि दूर-दूर से संगम आने वाले श्रद्धालु लोकनाथ महादेव का दर्शन करने आते हैं। शिवरात्रि के दिन ही इसी मंदिर से हर साल शिव बारात निकलती है।
पुजारी के अनुसार नाथ संप्रदाय के मछंदरनाथ या मत्स्येंद्रनाथ ने प्रचीनकाल में यहां चतुर्मास पूरा किया था। मंदिर में भगवान लोकनाथ के साथ उनकी सवारी नंदी महाराज, भगवान गणेश व भवानी स्वरूप माता पार्वती और शेषनाग की प्राचीन प्रतिमाएं हैं। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों ने माता दुर्गा, हनुमान जी व अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित की है। प्रयाग की प्रसिद्ध हस्तियां मदन मोहन मालवीय, छुन्नन गुरु, पंडित श्रीधर पाठक नियमित रूप से मंदिर आते थे। इसके अलावा प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी और वीपी सिंह ने भी बाबा लोकनाथ का दर्शन और पूजन किया था।
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