कन्या पूजन के साथ नवरात्र, व्रत और पूजन का समापन
शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन रविवार को महानवमी पर घरों-मंदिरों में मां दुर्गा के सिद्धदात्रि स्वरूप का पूजन-अर्चन किया गया। सिद्धपीठ अलोपशंकरी मन्दिर, ललिता देवी और कल्याणी देवी मंदिर में भक्तों ने...
शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन रविवार को महानवमी पर घरों-मंदिरों में मां दुर्गा के सिद्धदात्रि स्वरूप का पूजन-अर्चन किया गया। सिद्धपीठ अलोपशंकरी मन्दिर, ललिता देवी और कल्याणी देवी मंदिर में भक्तों ने श्रद्धा, उल्लास से पूजन कर फल, पुष्प अर्पित किया। आचार्यों के सानिध्य में दुर्गा सप्तशती का पाठ, हवन, अनुष्ठान किया गया।
कन्याओं का किया पूजन
रविवार को महानवमी और दशमी का योग है। इसलिए घरों में कन्या पूजन किया गया। व्रतीजनों ने विधिविधान से कन्याओं के चरण पखार कर आरती-पूजन किया। साथ ही यथोचित दान-उपहार भेंट किया। नौ दिन तक मां के विभिन्न रूपों की आराधना के साथ नवरात्रि व्रत उद्यापन हुआ और पारण किया गया।
पूजा पंडालों में हुआ महानवमी पूजन
दुर्गा पूजा पंडालों में विधिविधान से महानवमी की पूजा की गई। बंगाली पुरोहितों के सानिध्य में मां को पुष्प अर्पित किया गया। भक्तों ने मां से कोरोना मुक्ति की करबद्ध याचना की। सोमवार को दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होगा।
संगम में लगाई डुबकी
शारदीय नवरात्र के समापन पर श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान-दान किया। बड़े हनुमान मंदिर के पास गरीब, दिव्यांगों को भोजन वितरित कर पुण्य अर्जित किया।
शस्त्र पूजन के साथ होगा रावण दहन
असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरा का पर्व शहर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कोरोना के कारण प्रतीकात्मक ही सही लेकिन चार-पांच स्थानों पर रावण का पुतला जलाया गया। विजय मुहूर्त में दोपहर 2:17 बजे तक शस्त्र पूजन किया गया।
दारागंज और कटरा रामलीला कमेटी की ओर से अलोपीबाग में और पजावा रामलीला कमेटी की ओर से रामलीला परिसर में शाम 7 बजे रावण दहन किया गया।
सोशल मीडिया पर छाया दशहरा
दशहरा पर्व का उल्लास सोशल मीडिया पर भी छाया है। पर्व की शुभकामना के साथ लोग दस दस अच्छाई को अपनाने और दस बुराई के परित्याग का संदेश भी दे रहे हैं।
कन्याओं का पूजन कर भेंट किया मास्क
शारदीय नवरात्र पर कोरोना का असर कन्या पूजन में भी रहा। लोहिया मार्ग की कविता ने कन्याओं का पूजन करने से पहले उनके हाथ सेनिटाइज कराए। भोजन के बाद सभी कन्याओं को मास्क भेंट किया। साथ ही उपहार में पुस्तकें और लेखन सामग्री देकर विदा किया।