असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में अभ्यर्थियों के प्राप्तांक का ब्योरा तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की विज्ञापन संख्या 47 के तहत आयोजित सहायक प्रोफेसर भर्ती 2016 में चयन सूची बनाने में आरक्षण प्रावधानों...
प्रयागराज। विधि संवाददाता
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की विज्ञापन संख्या 47 के तहत आयोजित सहायक प्रोफेसर भर्ती 2016 में चयन सूची बनाने में आरक्षण प्रावधानों की अनदेखी पर चयन सूची तथा अभ्यर्थियों के प्राप्तांक का ब्योरा तलब किया है। कोर्ट ने आयोग से इस मामले में दाखिल याचिका पर जवाब भी मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने मोनिका गुप्ता व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि आयोग ने सामान्य वर्ग की जिन महिला अभ्यर्थियों के अंक पुरुष अभ्यर्थियों से अधिक थे, उन्हें भी सामान्य वर्ग की महिला सूची में रख दिया है। इससे कम अंक पाने वाली महिला अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो सका है।
याचियों के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि आयोग द्वारा 23 अक्तूबर 2020 को जारी चयन सूची में सामान्य वर्ग में 28 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ। इनमें 23 अभ्यर्थी ऐसी हैं जिनकी कट ऑफ मेरिट अंतिम चयनित पुरुष अभ्यर्थी से अधिक है। नियमानुसार इन महिलाओं को सामान्य मेरिट लिस्ट में स्थान जगह चाहिए लेकिन आयोग ने सभी चयनित महिला अभ्यर्थियों को महिलाओं के लिए आरक्षित सूची में रख दिया। इससे याचियों को वेटिंग लिस्ट में जाना पड़ा। यदि अधिक अंक पाने वाली महिलाओं को सामान्य मेरिट में रखा जाए तो याचियों का चयन महिलाओं की मेरिट लिस्ट में हो सकता है।
अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि चयन प्रक्रिया में दो मेरिट लिस्ट बनाने का नियम है। इनमें से एक सामान्य सूची और दूसरी सिर्फ महिलाओं की सूची होगी। अधिक मेरिट वाली महिला अभ्यर्थी भी सामान्य सूची में ही शामिल की जाएंगी। लेकिन आयोग ने इस नियम की अनदेखी कर सभी महिला अभ्यर्थियों को सिर्फ महिलाओं की मेरिट लिस्ट में डाल दिया है। कोर्ट ने उच्चतर शिक्षा आयोग को मूल मेरिट लिस्ट और महिलाओं की सूची तथा अभ्यर्थियों को मिले अंकों की सूची चार फरवरी को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।