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केवाईसी अपडेट, नौकरी, सत्यापन के नाम पर सात से साइबर ठगी

साइबर ठगों ने प्रतियोगी छात्र, छात्रा, पुलिसकर्मी और बुजुर्गों को अपने जाल में फंसाकर लाखों की ठगी की है। सिविल लाइंस, कैंट, कर्नलगंज, धूमनगंज और...

केवाईसी अपडेट, नौकरी, सत्यापन के नाम पर सात से साइबर ठगी
हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराजFri, 23 Jul 2021 02:20 PM
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साइबर ठगों ने प्रतियोगी छात्र, छात्रा, पुलिसकर्मी और बुजुर्गों को अपने जाल में फंसाकर लाखों की ठगी की है। सिविल लाइंस, कैंट, कर्नलगंज, धूमनगंज और मुट्ठीगंज पुलिस मुकदमा दर्ज करके जांच कर रही है। शातिरों की साइबर ठगी के तरीकों को जानकर आप भी सतर्क हो जाएं।

फौजी बनकर लगाई चपत

फौजी बनकर सचिन शर्मा के नाम से एक व्यक्ति ने म्योर रोड निवासी विकास मिश्र से संपर्क किया। उसने किराया पर कमरा लेने के लिए कॉल की। एडवांस देने के नाम पर शातिर ने भारतीय सेना की आईडी और एक क्यूआर कोड भेजा। क्यूआर कोड को स्कैन करते ही विकास मिश्र के बैंक खाते से 50 हजार रुपये ऑन लाइन ट्रांसफर हो गए।

पुलिसकर्मी को बनाया शिकार

पुलिस लाइन में रहने वाला हेड कांस्टेबल मुनील कुमार चौबे को साइबर ठगों ने 29 हजार रुपये की चपत लगाई है। उसने कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिसकर्मी के बैंक खाते से कैसे और किसने रुपये उड़ा दिए, पता नहीं चला।

पेटीएम से उड़ाए रुपये

विकास भवन परिसर में रहने वाले गोपाल यादव को साइबर ठगों ने 46 हजार रुपये की चपत लगाई है। उसने कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है कि पेटीएम के माध्यम से उसके बैंक खाते से रुपये ट्रांसफर हुए। पहली बार 724 रुपये, फिर पांच हजार फिर कई बार में 46 हजार रुपये निकाल लिए।

नौकरी के चक्कर में छात्रा बनी शिकार

मुट्ठीगंज की रहने वाली शिवांगी केसरवानी से साइबर ठगों ने नौकरी के नाम पर 6500 रुपये ठग लिया। शिवांगी ने मुट्ठीगंज थाने में साइबर क्राइम की एफआईआर दर्ज कराई है। बताया कि साइबर ठगों ने ऑनलाइन जॉब के लिए पहले सिक्योरिटी मनी के नाम पर रुपये जमा कराया। फिर 12500 रुपये जमा करने के लिए कहा, लेकिन छात्रा ने जमा नहीं किया।

बैंक समायोजन के नाम पर ठगी

म्योराबाद के रहने के वाले हरिनारायण ने कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है कि साइबर ठग ने कॉल करके बताया कि वह बैंक से बोल रहा है। बैंक ऑफ बड़ौदा समेत तीन बैंकों को यूपी बैंक में समायोजित कर दिया गया है। सत्यापन के नाम पर एटीएम कार्ड नंबर और ओटीपी पूछकर उनके बैंक खाते से 20 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया।

लिंक भेजकर लगाई चपत

गाजीपुर का पंकज प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है। उसने कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है कि बैंक से केवाईसी अपडेट करने के लिए मैसेज आया। उस लिंक को खोलते ही उसके बैंक खाते से 10 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर हो गया। रुपये ट्रांसफर होने के बाद उसे ठगी की जानकारी हुई। इसी तरह मुधवन विहार कॉलोनी निवासी अनुज कुमार के बैंक खाते से पांच हजार रुपये निकाल लिया गया। उन्होंने सिविल लाइंस थाने में साइबर अपराध की एफआईआर दर्ज कराई है।

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