रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे...गीत पर झूमे श्रोता
Prayagraj News - प्रयाग संगीत समिति के मेहता प्रेक्षागृह में तीन दिवसीय लोक संस्कृति उत्सव की शुरुआत हुई। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सुधीर नारायण और पद्मश्री डॉ. विद्या बिंदु सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित किया। लोक गायिका...

प्रयाग संगीत समिति के मेहता प्रेक्षागृह में रविवार को तीन दिवसीय लोक संस्कृति उत्सव शुरू हुआ। व्यंजना आर्ट एंड कल्चर सोसायटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सुधीर नारायण, विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ. विद्या बिंदु सिंह और अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। वक्ताओं ने भारतीय लोक संस्कृति की समृद्ध परंपरा एवं नवाचार पर वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए। न्यायमूर्ति ने कहा कि लोकाचार हमारी परंपराओं में निहित है। जरूरत इस बात की है कि हम नई पीढ़ियों को बेहतर ढंग से सौंपने का प्रयास करें। सांस्कृतिक संध्या में लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने लोकगीत रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे... को जब आवाज दी तो प्रेक्षागृह तालियों से गूंज उठा।
उसके बाद उन्होंने काहे को ब्याही विदेश... गीत प्रस्तुत कर श्रोताओें को भावविभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति को बचाने के लिए नवाचार की जरूरत है। मैंने अपने गायन में नवाचार किया है। ऐसे लोकगीत जो महिलाएं नहीं गाती थीं उसे भी मंचीय प्रस्तुति की। अध्यक्षता कर रही पद्मश्री डॉ. विद्या बिंदु सिंह ने लोकगीतों को हमारी सामाजिक समरसता के लिए जरूरी बताया। प्रो. लवली शर्मा, डॉ. राजेश मिश्रा, प्रो. साहित्य कुमार नाहर, प्रो. स्वतंत्र शर्मा, डॉ. राम बहादुर मिश्रा, गोपालजी, अतुल द्विवेदी, डॉ. रमाशंकर और लोक कलाकार उदय चंद्र परदेसी ने विचार व्यक्त किए। आभार ज्ञापन संयोजक व अध्यक्ष मधु शुक्ला और राजेश तिवारी ने किया। संचालन डॉ. गोपाल मिश्रा, डॉ. सतीश प्रजापति, आकांक्षा पाल ने किया। अनिल शुक्ला शांभवी शुक्ला, श्रेयस शुक्ला, डॉ. धनंजय चोपड़ा, मृत्युंजय परमार, डॉ. रंजना त्रिपाठी, डॉ. अर्पित मिश्र मौजूद रहे।
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