मेला सिर पर और दस दिनों से पांटून पुल का काम ठप
महाकुम्भनगर में पांटून पुलों का निर्माण समय सीमा के भीतर पूरा नहीं हो सका है। पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाए जा रहे पुलों का काम जमीन समतलीकरण न होने के कारण ठप पड़ा है। झूंसी साइड पर पुल बनकर तैयार है,...
महाकुम्भनगर। मेला क्षेत्र में पांटून पुलों के निर्माण की तय समयसीमा के भीतर भले ही काम पूरा करने का लाख दावा किया जा रहा हो लेकिन हकीकत उसके विपरीत दिखाई दे रही है। पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड चार की ओर से बनाए जा रहे महावीर दक्षिणी, उत्तरी, जगदीश रैंप, त्रिवेणी दक्षिणी, मध्य व उत्तरी और काली पांटून पुल का निर्माण कार्य दस दिनों से ठप पड़ा है। ठप होने की वजह जमीन का समतलीकरण ना होना है। करीब एक महीने से सात पांटून पुलों का निर्माण कार्य चल रहा है। जमीन समतल ना होने की वजह से झूंसी साइड से इन पुलों का निर्माण शुरू कराया गया। उधर से पुल तो बनकर तैयार हो गया है लेकिन दारागंज की ओर काली मार्ग व त्रिवेणी मार्ग के पास गंगा की जमीन पर सिंचाई विभाग अपनी जेसीबी व पोकलैंड से जमीन समतल करने का कार्य कर रहा है, जो अब तक पूरा नहीं हो सका है। इसकी वजह से गंगा के दोनों छोर पर पुलों को नहीं जोड़ा जा सका।
जमीन समतल ना होने की वजह से ठेकेदारों का काम ठप हो गया। वहीं निर्माण खंड तीन नागवासुकि सेक्टर के अंतर्गत पुलों का निर्माण करा रहा है। नागवासुकि मंदिर से लेकर फाफामऊ के बीच अनंत माधव, गंगेश्वर, वेणीमाधव, नागवासुकि व फाफामऊ दक्षिणी पांटून सहित आठ पुलों का काम भी गंगा की तेज कटान की वजह से पूरा नहीं हो सका है।
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