Allahabad High Court Single Message Does Not Constitute Offense Under Section 152 of IPC महज एक मैसेज पोस्ट करना धारा 152 के तहत अपराध नहीं : हाईकोर्ट, Prayagraj Hindi News - Hindustan
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महज एक मैसेज पोस्ट करना धारा 152 के तहत अपराध नहीं : हाईकोर्ट

Prayagraj News - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि केवल एक संदेश पोस्ट करने से भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत अपराध नहीं बनता। जस्टिस संतोष राय ने मेरठ के साजिद चौधरी की जमानत मंजूर करते हुए यह टिप्पणी की। कोर्ट ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजMon, 6 Oct 2025 06:41 AM
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महज एक मैसेज पोस्ट करना धारा 152 के तहत अपराध नहीं : हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि महज एक मैसेज पोस्ट करने से भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य से संबंधित है) के तहत अपराध नहीं बनता। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति संतोष राय ने ऐसे ही मामले में आरोपी मेरठ के साजिद चौधरी की जमानत मंजूर करते हुए की है।

कोर्ट ने कहा कि बीएनएस की धारा 152 नई धारा है जिसमें कठोर सजा का प्रावधान है और आईपीसी में इसके अनुरूप कोई धारा नहीं थी इसलिए बीएनएस की धारा 152 को लागू करने से पहले उचित सावधानी और एक तर्कसंगत व्यक्ति के मानक अपनाए जाने चाहिए क्योंकि बोले गए शब्द या सोशल मीडिया पर पोस्ट भी भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आते है।

बीएनएस की धारा 152 के तत्वों को आकर्षित करने के लिए, बोले गए या लिखित शब्दों, संकेतों को बढ़ावा देने या अलगाववादी गतिविधियों की भावना को प्रोत्साहित करने या भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का उद्देश्य होना चाहिए। इसलिए किसी भी देश का समर्थन दिखाने वाला मात्र एक मैसेज पोस्ट करना भारत के नागरिकों के बीच क्रोध या वैमनस्य पैदा कर सकता है और बीएनएस की धारा 196 के तहत भी दंडनीय हो सकता है, जिसमें सात साल तक की सजा है लेकिन निश्चित रूप से यह धारा 152 बीएनएस के तत्वों को आकर्षित नहीं करेगा।

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