हाईकोर्ट: एक ही अपराध पर दोहरा दंड क्यों
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी मेरठ से दरोगा गोपाल चौहान को एक ही घटना के लिए दो बार दंडित करने पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याची ने एक ही अपराध के लिए दोहरे दंड के खिलाफ याचिका दायर की थी।
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी मेरठ से एक दरोगा को चेतावनी देकर माफ करने के बाद उसी घटना को लेकर दोबारा सत्यनिष्ठा की प्रतिकूल प्रविष्टि से दंडित करने पर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर ऐसा करने का कारण बताने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने लिंक रोड गाजियाबाद में तैनात पुलिस उप निरीक्षक गोपाल चौहान की याचिका पर अधिवक्ता इरफान अहमद मलिक को सुनकर दिया है। याची ने लालकुर्ती थाने में तैनाती के दौरान भोपाल सिंह मार्केट बेगम ब्रिज रोड स्थित कृपाल प्रॉपर्टीज एवं ज्वेलर्स के प्रोपराइटर धर्मेन्द्र ग्रोवर को थाने लाकर जेल भेज दिया था, जबकि वह नियमित किराया दे रहा था। दुकान मालिकों के बीच विवाद में एक ने दुकान बेच दी और खरीदने वाले ने जबरन दुकान पर कब्जा कर लिया था। धर्मेंद्र ग्रोवर दुकान खाली कराने की कोशिश में हुए विवाद के कारण बिना गलती के जेल भेज दिया गया था।
इस पर एसएसपी ने याची को पहले चेतावनी देकर माफ कर दिया था। बाद में जांच कराकर दंडित कर दिया। याची ने एक ही अपराध के लिए दोहरे दंड के खिलाफ याचिका की है।
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