मदरसा ने बुलडोजर नोटिस पर ब्रिटिश राज का पेपर सौंपा, कहा- PDA से पहले का बना है जामिया हबीबिया
नकली नोट छापने के बाद चर्चा में आए प्रयागराज के मदरसा ने बुलडोजर एक्शन की नोटिस का जवाब दे दिया है। इसमें कहा है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण बनने से पहले ही मदरसा बन गया था।
नकली नोट छापने के बाद चर्चा में आए प्रयागराज के मदरसा ने बुलडोजर एक्शन की नोटिस का जवाब दे दिया है। मदरसा की तरफ से प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) में मदरसा के नक्शे से संबंधित दस्तावेज जमा कर दिए गए हैं। मदरसा जामिया हबीबिया की तरफ से प्राधिकरण को बताया गया है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अस्तित्व में आने से पहले ब्रिटिश काल में ही इसका निर्माण हो गया था। मदरसा अधिकारियों ने दावा किया कि तब संबंधित विभाग ने निर्माण की अनुमति दी थी। गौरतलब है कि पिछले दिनों मदरसा तब सुर्खियों में आया था जब पुलिस ने इमारत की ऊपरी मंजिल पर स्थिति प्रिंसिपल के कमरे में नकली नोट छापने के रैकेट का भंडाफोड़ किया था।
अतरसुइया में मस्जिद-ए-आजम में संचालित मदरसा जामिया हबीबिया के प्रबंधक आबिद हबीबी ने छह सितंबर को इमारत पर चस्पा ध्वस्तीकरण नोटिस के जवाब में इमारत का 1941 में जारी नक्शा जमा किया है। प्रबंधक ने अपना जवाब भी दाखिल कर दिया है। प्राधिकरण ने नोटिस के साथ नक्शा और अन्य संबंधित दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया था। पीडीए अब दस्तावेजों और नक्शे का सत्यापन करेगा और उसके अनुसार कार्रवाई करेगा। यदि निर्माण मानचित्र के अनुरूप नहीं पाया गया तो पीडीए नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है।
28 अगस्त को सिविल लाइंस पुलिस ने नकली नोट रैकेट चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था और मदरसे के प्रिंसिपल तसफिरुल अरीफीन, रैकेट के सरगना उड़ीसा के जहीर खान के साथ करेली इलाके के मोहम्मद शाहिद और मोहम्मद अफजल को गिरफ्तार किया था। यह सामने आया कि यह रैकेट मदरसे के प्रिंसिपल तसफिरुल आरिफ़ीन के कमरे में चलाया जा रहा था।
पीडीए टीम ने प्राथमिक जांच के बाद मदरसे को सील कर दिया था और मदरसा प्रबंधन समिति को 15 दिनों के भीतर निर्माण से संबंधित आवश्यक दस्तावेज जमा करने के साथ ही ध्वस्तीकरण का नोटिस दिया था। तय समय के अंदर मदरसा प्रबंधक आबिद हबीबी ने नक्शा और दस्तावेज जमा कर दिए हैं। इसमें पीडीए को बताया गया है कि जिस भवन में मदरसा चल रहा था, उसका नक्शा 31 मई 1941 को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से पास हुआ था। यह भी बताया गया है कि मदरसा पहले तीन कमरों में चलाया जाता था लेकिन पिछले सात वर्षों में कुछ और कमरे और दुकानें भी बन गई हैं। मदरसा और मस्जिद परिसर 3000 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्मित हैं।
पीडीए के विशेष कार्य अधिकारी संजीव उपाध्याय ने कहा कि वहां कुछ अवैध निर्माण पाए जाने के बाद मदरसे को सील कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मदरसा प्रबंधन ने अपने दस्तावेज जमा कर दिए हैं जिन्हें अब आगे की कार्रवाई से पहले सत्यापित किया जाएगा।
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