टेढ़े पिलर पर खड़ी कर रहे मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग
एक तरफ दिल्ली से यूपी तक बार-बार भूकंप के झटके आ रहे हैं तो दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज की निर्माणाधीन बिल्डिंग में बकलिंग व हनी कॉम्ब जैसी गंभीर खामियां...
एक तरफ दिल्ली से यूपी तक बार-बार भूकंप के झटके आ रहे हैं तो दूसरी तरफ मेडिकल कॉलेज की निर्माणाधीन बिल्डिंग में बकलिंग व हनी कॉम्ब जैसी गंभीर खामियां नजरअंदाज की जा रही है। जबकि यह ऐसी खामियां हैं, जिनकी वजह से कभी बड़े हादसे से इनकार करना आसान नहीं है।
जिला अस्पताल की जगह पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण चल रहा है। 30 करोड़ के बजट में चार से छह मंजिल तक की इमारतें बन रही हैं। निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को मिली है। निगम की तरफ से निजी एजेंसी को निर्माण का जिम्मा दिया गया है। लेकिन मरीजों की ओपीडी, ओटी व वार्ड के लिए छह मंजिल की जो बिल्डिंग बन रही है उसका एक पिलर टेढ़ा हो गया है। इंजीनियरिंग की भाषा में इसे बकलिंग कहते हैं। जानकारों की मानें तो जिस बिल्डिंग के पिलर में बकलिंग होती है उसमें जरा भी झटका लगने पर धराशायी होने का खतरा रहता है। इसलिए ऐसा न हो इसका विशेष ख्याल रखा जाता है।
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पिलर में हनी कॉम्ब भी
जब पिलर या बीम में सीमेंट कंक्रीट का मिक्सचर ठीक से वाइब्रेट नहीं किया जाता तो उसमें कहीं-कहीं होल बन जाता है। जहां पर होल होता है वहां लोहे की सरिया दिखाई देने लगती है। लोहा नमी खींचकर पिलर को कमजोर कर देता है। मेडिकल कॉलेज की उक्त इमारत के पिलर में ग्राउंड फ्लोर के बाद पिलर में एक जगह सरिया दिख रही है। इससे भी चिंताजनक बात यह है कि इस हनी कॉम्ब को ठीक किए बिना तरावट के लिए पानी डाला जा रहा है। यह पानी पिलर के भीतर की सरिया को भी भिगो रहा है।
इनका कहना है
फिलहाल मेरी जानकारी में ऐसा मामला नहीं आया है। लेकिन ऐसा है तो जांच कराकर कार्रवाई कराई जाएगी।
-डॉ. आर्य देश दीपक, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज
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इनका कहना है
जो भी है उसको दिखवा लूंगा, उसके बाद जो उचित होगा वह कार्रवाई की जाएगी।
-संजय वर्मा, यूनिट इंचार्ज यूपीआरएनएन