चौदह वर्ष बाद शिवाकांत की भाजपा में वापसी
रानीगंज विधानसभा सीट का गठन होने के बाद 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर पहला विधायक होने का गौरव हासिल करने वाले पूर्व मंत्री प्रो. शिवाकांत...
प्रतापगढ़। रानीगंज विधानसभा सीट का गठन होने के बाद 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर पहला विधायक होने का गौरव हासिल करने वाले पूर्व मंत्री प्रो. शिवाकांत ओझा का टिकट इस बार कट गया। इसके बाद प्रो.ओझा गुरुवार को दिल्ली जाकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। प्रो.ओझा पहले भी भाजपा से विधायक और मंत्री रह चुके हैं। चौदह वर्ष बाद उनकी भारतीय जनता पार्टी में वापसी हुई है।
प्रो. शिवाकांत ओझा 1991 में पट्टी सीट से पहली बार विधायक बने थे। 1996 में राजेंद्र प्रताप सिंह (मोती) भाजपा में शामिल हुए तो उन्हें पट्टी से उम्मीदवार बनाकर प्रो. शिवाकांत ओझा को बगल की सीट बीरापुर भेज दिया गया। प्रो. ओझा बीरापुर से चुनाव जीत गए। इसके बाद वह 2002 में भी बीरापुर सीट से जीते। वह कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और रामप्रकाश गुप्ता के मंत्रिमंडल में भी शामिल रहे। 2009 में वह बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए। 2012 में सपा में शामिल होकर रानीगंज विधायक बने तो अखिलेश यादव के भी मंत्रिमंडल में शामिल हो गए। पिछले दिनों रानीगंज में सपा की एक सभा में मारपीट के बाद वह सपाइयों के निशाने पर आ गए थे। उनका टिकट कटने की चर्चाएं होने लगी थीं और हुआ भी यही।
हालांकि टिकट कटते ही शिवाकांत के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थीं। गुरुवार को उन्होंने दिल्ली जाकर उत्तर प्रदेश के प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी और लक्ष्मीकांत वाजपेई के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। हिन्दुस्तान से बातचीत में प्रो ओझा ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने रानीगंज में एक माफिया को टिकट दे दिया है जिसका पार्टी से कभी कोई वास्ता नहीं रहा। इसलिए उन्होंने पार्टी में बने रहना उचित नहीं समझा। अब भाजपा में शामिल हो गए हैं, टिकट देने, न देने का फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा। भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र ने कहा कि प्रो. शिवाकांत ओझा भाजपा में शामिल हो गए हैं। पार्टी नेतृत्व जिसे भी चुनाव लड़ आएगा कार्यकर्ता उसके साथ रहेंगे।