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Hindi News उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ - कुंडागायब अभिलेखों का मिलान करने पहुंची निदेशालय की टीम--

गायब अभिलेखों का मिलान करने पहुंची निदेशालय की टीम--

जलनिगम में करोड़ों रुपए का हेरफेर होने का खुलासा होने के बाद गायब की गई महत्वपूर्ण फाइलों का मिलान करने के लिए मंगलवार देर शाम निदेशालय से अफसरों की टीम बेल्हा पहुंची। पांच सदस्यीय टीम के अफसरों ने...

गायब अभिलेखों का मिलान करने पहुंची निदेशालय की टीम--
हिन्दुस्तान टीम,प्रतापगढ़ - कुंडाWed, 13 Jun 2018 10:33 PM
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जलनिगम में करोड़ों रुपए का हेरफेर होने का खुलासा होने के बाद गायब की गई महत्वपूर्ण फाइलों का मिलान करने के लिए मंगलवार देर शाम निदेशालय से अफसरों की टीम बेल्हा पहुंची। पांच सदस्यीय टीम के अफसरों ने बुधवार सुबह कार्यालय में एक-ण्क अभिलेख का मिलान शुरू किया। सूत्रों के मुताबिक अफसरों को घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।

जलनिगम की पेयजल परियोजनाओं के नाम पर करोड़ों रुपये का भुगतान ले लिया गया लेकिन परियोजनाओं का कहीं अता पता नहीं है। मामले की जांच कराने के बाद डीएम शम्भु कुमार ने रिटायर एक्सईएन, जेई, एई व ठेकेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। इसके ठीक बाद दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने मामले का खुलासा होने के बाद उन्होंने आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी व सम्पत्ति जब्त करने का निर्देश दिया था। इसके बाद सक्रियता दिखाते हुए पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बावजूद इसके घोटाले से जुड़ी कुछ फाइलें दफ्तर से गायब थीं। एक सप्ताह पूर्व समीक्षा बैठक में डीएम ने एक्सईएन राधेश्याम वर्मा को फाइल गायब करने के संदिग्ध कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया। डीएम की सख्ती देख कर्मचारियों ने फाइलें एक्सईन को मुहैया करा दी। यह जानकारी होते ही मंगलवार को जलगिनम के एमडी की ओर से पांच सदस्यीय अफसरों की टीम को जांच के लिए बेल्हा भेज दिया गया। बुधवार को पूरे दिन जलनिगम कार्यालय में जांच चलती रही। सूत्रों की मानें तो जांच में घोटाले से सम्बंधित महत्वपूर्ण सुराग टीम को मिले हैं।

इस बाबत एक्सईएन राधेश्याम वर्मा ने बताया कि जांच में अफसरों का सहयोग किया जा रहा है। जो भी सच्चाई होगी सामने आ जाएगी।

कई और जा सकते हैं जेल

चर्चा है कि घोटाले से जुड़ी फाइलों की जांच पड़ताल में जो सुराग मिल रहे हैं उनके आधार पर कई और ठेकेदार व कुछ जनप्रतिनिधि भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। हालांकि टीम की जांच में करीब तीन दिन लग सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि आवश्यकता होने पर टीम जेल में बंद चल रहे रिटायर एक्सईएन, जेई व एई का बयान भी दर्ज कर सकती है।

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