धरना देने जा रहे कांग्रेसियों से पुलिस की धक्कामुक्की
हाथरस की घटना के विरोध में एसपी कार्यालय पर धरना देने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोकना चाहा तो धक्कामुक्की हुई। करीब दस मिनट के प्रयास के बाद पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत...
हाथरस की घटना के विरोध में एसपी कार्यालय पर धरना देने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोकना चाहा तो धक्कामुक्की हुई। करीब दस मिनट के प्रयास के बाद पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। साढ़े तीन घंटे तक हिरासत में रखने के बाद सभी को ज्ञापन लेकर छोड़ दिया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस के रवैए पर नाराजगी जताई है।
प्रदेश कमेटी के निर्देश पर बुधवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष बृजेंद्र मिश्र कार्यकर्ताओं के साथ एसपी कार्यालय पर धरना देने की तैयारी में थे। कार्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं का जमावड़ा होने के बाद सभी अंबेडकर चौराहा होते हुए एसपी कार्यालय की तरफ बढ़े। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता प्रदेश सरकार विरोधी नारा भी लगा रहे थे। दोपहर 12 बजे के करीब जैसे ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जत्था पुलिस लाइन चौराहे पर पहुंचा पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं से पुलिस की धक्कामुक्की हुई। हालांकि फोर्स अधिक होने की वजह से कांग्रेसियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सभी को पहले पुलिस लाइन ले जाया गया इसके बाद वाहन से उन्हें मानधाता थाने ले जाया गया। कुछ देर रुकने के बाद सभी को फिर भुपियामऊ पुलिस चौकी और इसके बाद शहर के लोकमान्य तिलक इंटर कालेज लाया गया। यहां पार्टी कार्यकर्ता प्रदेश सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। सूचना पर पहुंचे एसडीएम सदर मोहनलाल गुप्ता को जिलाध्यक्ष ने ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष का कहना है कि हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के साथ ही प्रदेश में कायम जंगलराज के खिलाफ कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा। सरकार विपक्षियों की आवाज दबाने के लिए प्रशासन का सहयोग ले रही है। इसके विरोध में संघर्ष जारी रहेगा। इस दौरान यमुना प्रसाद पांडेय, संतोष त्रिपाठी, सलीम उल्ला, प्रशांत सिंह, वेदांत तिवारी, रामयज्ञ चौरसिया, श्याम शंकर तिवारी आदि मौजूद रहे।
नहीं दिखा फ्रंटल संगठन : कांग्रेस के प्रदर्शन में फ्रंटल संगठन के साथ ही जिला संगठन के कई पदाधिकारी दूर-दूर तक नजर नहीं आए। जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में 35 से 40 लोग ही प्रदर्शन में शामिल दिखे। लोगों का कहना था कि पार्टी की अंतर्कलह और आंतरिक विरोध के कारण जिला संगठन का संघर्ष प्रभावी नहीं दिख रहा है।