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मुर्दों को बांट दी सरकारी योजना की रकम, लेखपाल सस्पेंड

प्रतापगढ़ के पट्टी में सूखा राहत के चेक वितरण में अनियमितता बरतने वाले लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। शिकायत पर तहसीलदार ने जांच की तो हकीकत सामने आई। रिपोर्ट को आधार बनाकर एसडीएम ने लेखपाल के...

मुर्दों को बांट दी सरकारी योजना की रकम, लेखपाल सस्पेंड
हिन्दुस्तान टीम,प्रतापगढ़ - कुंडाFri, 15 Dec 2017 11:44 PM
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प्रतापगढ़ के पट्टी में सूखा राहत के चेक वितरण में अनियमितता बरतने वाले लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। शिकायत पर तहसीलदार ने जांच की तो हकीकत सामने आई। रिपोर्ट को आधार बनाकर एसडीएम ने लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की है। उसके खिलाफ नायब तहसीलदार को जांच अधिकारी नियुक्त कर 15 दिन के भीतर आरोप पत्र मांगा है।

अनियमितता की खबर को 'हिन्दुस्तान' ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मामला उजागर होने पर तहसील प्रशासन की नींद टूटी। जांच में पाया गया कि पट्टी तहसील के आसपुर देवसरा गांव में वर्ष 2015-16 के सूखा राहत वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली की गई। जरूरतमंदों की जगह गांव के आधा दर्जन मुर्दों को भी सूखा राहत दिया गया है। हैरानी है कि मुर्दों ने मौत के वर्षों बाद सूखा राहत का चेक अपने बैंक खाते में कैश भी करा लिया। ऐसे लोगों में शामिल जगदम्बा प्रसाद पुत्र गयादीन, मुन्नर सुत दुलार, रामलौट यादव पुत्र रामसुंदर, रामकिशुन व राममूरत पुत्र सुखई तथा आद्या प्रसाद शुक्ल पुत्र जगन्नाथ शामिल हैं।

मुर्दों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर सरकार की रकम को हजम कर लिया गया है। इसके अलावा परेदस में रहने वालों के साथ ही भूमिहीनों को भी चेक दिया गया। बहुत से ऐसे ग्रामीण रहे जिनके नाम पर दो-दो चेक जारी कर सरकारी धन की बंदरबाट की गई थी।

शिकायतकर्ता आसपुर देवसरा निवासी कृष्ण चंद्र पाण्डेय ने इसकी शिकायत तहसील से लेकर जिला प्रशासन तक की लेकिन कार्रवाई तो दूर मामले की जांच कराने से भी जिम्मेदार बचते रहे। खबर छपने के बाद मचे हड़कंप से तहसील प्रशासन ने आपाधापी में कार्रवाई तेज कर दी। एसडीएम ने तहसीलदार की रिपोर्ट को आधार बनाकर आसपुर देवसरा गांव के लेखपाल हरिप्रसाद सरोज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। एसडीएम ने मामले में नायब तहसीलदार को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए 15 दिन के भीतर आरोप पत्र देने का आदेश दिया है। लेखपाल के निलंबन की जानकारी एसडीएम ने एडीएम को दी है।

लपेटे में आ सकते हैं कई जिम्मेदार

इस अनियमितता में सिर्फ लेखपाल को ही अकेले दोषी नहीं माना जा सकता। चर्चा है कि लेखपाल के साथ ही गड़बड़झाले में तहसील के कुछ बड़े अधिकारी भी शमिल रहे। उनपर भी कार्रवाई हो सकती है।

अन्य गांवों में भी हुई अनियमितता

सूखा राहत चेक वितरण में पट्टी तहसील के अन्य गांवों में भी अनियमितता की गई है। आसपुर देवसरा का मामला सामने आने के बाद इसकी चर्चा जोरों पर है। लोगों का कहना है कि आसपुर देवसरा की ही तरह अन्य गांव में भी गड़बड़ी की गई है।

इनका कहना है...

आसपुर देवसरा गांव के सूखा राहत की शिकायत डीएम से की गई थी। तहसीलदार ने जांच की तो प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। नायब तहसीलदार को मामले की जांच सौंपी गई है।

जेपी मिश्र, एसडीएम पट्टी।

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