दिवाली के दिन तीन घरों की खुशियों पर अंधेरा
मोहनगंज के पास ट्रक से टकराकर हुई कार सवार तीन युवकों की मौत ने दिवाली के दिन ही तीन परिवारों की खुशियां छीन लीं। दिवाली की खुशी की बजाय तीनों घरों में कोहराम मच...
मोहनगंज के पास ट्रक से टकराकर हुई कार सवार तीन युवकों की मौत ने दिवाली के दिन ही तीन परिवारों की खुशियां छीन लीं। दिवाली की खुशी की बजाय तीनों घरों में कोहराम मच गया।
कमलेश, लल्लू व संदीप आपस में गहरे दोस्त थे। तीनों की मौत से उनके घर दिवाली की शाम प्रकाश की बजाय अंधकार छा गया। सुबह मौत की खबर मिलने के बाद से रोते-रोते परिजनों की आंखों में सूजन आ गई लेकिन आंसू थे कि थमने का नाम नहीं ले रहे थे। दिवाली का दिन होने की वजह से आसपास के गांवों में फूट रखे पटाखे कलेजे में शूल की तरह चुभ रहे थे। कमलेश तीन भाइयों में छोटा था। उसका एक बेटा करीब ढाई साल का और एक बेटी अभी सिर्फ सात महीने की है। दोनों बच्चों की परवरिश कैसे होगी यही सोचकर उसकी पत्नी रीता बिलख रही है। लल्लू तीन भाइयों में मझला था। उसका बड़ा भाई फूलचंद मनोरोगी है जबकि छोटा भाई अभी बहुत छोटा है। परिवार का खर्च लल्लू ही चला रहा था। उसकी मौत से परिवार की कमर टूट गई है। तीसरे मृतक संदीप के घर भी दीवाली के दीए धरे-धरे रह गए और मातम छा गया।
लखनऊ से कार चलाने लगा था कमलेश :
चारों दोस्त राहुल सिंह की कार से मंगलवार शाम करीब पांच बजे दिल्ली से चले तो कार राहुल चला रहा था। बताया जाता है कि लखनऊ तक आते-आते राहुल को झपकी लगने लगी तो वहां से कमलेश कार चलाने लगा था। चर्चाओं की मानें तो कार मोहनगंज के पास पहुंची तो कमलेश को भी झपकी आ गई और कार हादसे का शिकार हो गई। हालांकि हादसे के पीछे वजह को लेकर और भी तरह-तरह की चर्चांए थीं लेकिन साफ तौर पर कोई कुछ बताने की स्थिति में नहीं था।
नींद ने बचा ली राहुल की जान :
कार जब ट्रक से टकराई तो राहुल सिंह पीछे वाली सीट पर सो रहा था। झटका लगने पर वह दोनों सीट के बीच गिर गया। इससे उसका शरीर हादसे के बाद दोनों गाड़ियों से टूटकर निकले पार्ट्स की चपेट में आने से बच गया। झटका लगकर गिरने से उसे सिर में चोट आई जिसे डॉक्टरों ने खतरे से बाहर बताया।