बोले बेल्हा : कांशीराम कॉलोनी से हटे अवैध कब्जा, मिले सुविधा तो पटरी पर लौटे जिंदगी
Pratapgarh-kunda News - बसपा सरकार के दौरान बनी कांशीराम कॉलोनियों में रहने वाले गरीब परिवार अब बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। कॉलोनी में सफाई, पानी और सड़क जैसी समस्याएं हैं। कई फ्लैटों पर अराजकतत्वों का कब्जा है और...
वर्ष 2009-10 की बसपा सरकार में जब शहरी गरीबों के लिए कांशीराम कॉलोनी का निर्माण कराया गया तो झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों का उत्साह सातवें आसमान पर था। कारण उनको अपना आशियाना मिल रहा था। कॉलोनियों का निर्माण पूरा होने के बाद गरीब परिवारों से आवेदन मांगे गए और सत्यापन के बाद कॉलोनी का आवंटन कर दिया गया। उस वक्त कॉलोनी में रहने वाले परिवारों को हर सुविधा वहीं मिल भी रही थी, इससे गरीब परिवार खुश थे लेकिन उनकी यह खुशी अधिक दिनों तक टिक नहीं सकी। बसपा सरकार के सत्ता से हटते ही इन परिवारों की उल्टी गिनती शुरू हो गई। वर्तमान में शहर की कांशीराम कॉलोनियों में रहने वाले परिवार बिजली, पानी , सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। कॉलोनियों के 50 फीसदी फ्लैट में अराजकतत्वों ने अवैध कब्जा जमा लिया है। नाले, नालियां बजबजा रहीं हैं और उनसे दुर्गंध उठ रही है। कॉलोनी तक पहुंचने के लिए बनाई गई सड़क जगह जगह उखड़ गई है। अपने ही जिले में पूरी तरह से बेगानों की तरह रहने वाले परिवारों से हिन्दुस्तान ने समस्या जानने का प्रयास किया तो उनका दर्द छलक उठा। कॉलोनी वालों ने बारी-बारी से अपनी समस्याएं गिनाईं।
बेल्हा नगरपालिका की सीमा में कुल चार कांशीराम कॉलोनियों का निर्माण कराया गया है। इन कॉलोनियों में कुल 1500 से अधिक फ्लैट हैं। इनका निर्माण और एलॉटमेंट वर्ष 2008 से 2010 तक शहर के ऐसे परिवारों को किया गया था जो गरीब और बेघर थे। कॉलोनी वालों की मानें तो फ्लैट आवंटित करने वाले तत्कालीन अफसरों ने गरीबों की आड़ में कुछ अपात्र लोगों को भी फ्लैट आवंटित कर दिया था। बावजूद इसके तमाम फ्लैट शेष बच रह गए थे। कांशीराम कॉलोनी में उस वक्त हर वह सुविधा प्रशासन की ओर से मुहैया कराई गई थी जो शहरवासियों को मिलती थी। कॉलोनी में सुबह-शाम सफाई करने के लिए सफाई कर्मचारी तैनात किए गए थे, पेयजल के लिए पानी की टंकी का निर्माण कराया गया था, सबसे अहम यह कि सरकारी राशन देने के लिए कॉलोनी में ही कोटे की दुकान खोली गई थी। कुल मिलाकर कांशीराम कॉलोनी में रहने वाले परिवारों को हर बुनियादी सुविधा कॉलोनी में ही मिल रही थी। कॉलोनी वालों की उल्टी गिनती तब शुरू हुई जब प्रदेश की सत्ता से बसपा सरकार हट गई। इसके बाद से कांशीराम कॉलोनी में रहने वाले परिवारों का हाल जानने की फुर्सत किसी को नहीं मिली। जो अफसर हर सप्ताह कॉलोनी का निरीक्षण करने पहुंचते थे वह अब बगल से निकल जाते हैं और कॉलोनी की ओर देखने की जरूरत भी नहीं समझते। सरकारी गल्ले की दुकानें हट गईं, साथ ही तमाम परिवारों के राशन कार्ड भी निरस्त कर दिए गए। वर्तमान में पूरे जिले में यदि सबसे उपेक्षित परिवारों की बात करें तो उसमें सबसे पहले शहर की कांशीराम कॉलोनी में रहने वाले परिवार आएंगे। कॉलोनी में रहने वाले परिवार छोटी छोटी जरूरतों के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। इन परिवारों के सामने दिक्कत यह है कि कॉलोनी छोड़कर कहीं जा भी नहीं सकते कारण इनके पास अपना कोई आशियाना नहीं है। कॉलोनी के गरीब परिवार गंदगी के ढेर पर बैठे हैं, नाले नालियां बजबजा रहीं हैं और उनसे दुर्गंध उठ रही है। पेयजल के लिए उन्हें कॉलोनी से दूर इंडिया मार्का हैंडपंप तक जाना पड़ रहा है।
अराजकतत्वों के कब्जे में हैं कई फ्लैट
नगरपालिका की सीमा में बनी चार कांशीराम कॉलोनियां जोगापुर, सगरा ढलान, जीआईसी के बगल और सरोज चौराहे पर स्थित हैं। गरीबों के लिए बनाई कालोनियों के 50 फीसदी फ्लैट वर्तमान में अराजकतत्वों के अवैध कब्जे में हैं। यही नहीं इन कॉलोनियों के फ्लैट से कई बार पुलिस ने अराजकतत्वों की गिरफ्तारी भी की है। दरअसल पूरी तरह से उपेक्षित कांशीराम कॉलोनी की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता, ऐसे में अराजकतत्वों ने इसे अपना ठिकाना बना रखा है। खास बात यह कि सब कुछ जानने के बाद भी जिम्मेदार अराजकतत्वों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने से बचते हैं। यदि जिम्मेदार अफसर सख्ती करें तो कॉलोनी में ठिकाना बनाने वाले अराजकतत्वों पर लगाम लगाई जा सकती है और शहर में रहने वाले बेघर गरीब परिवारों को आशियाना मिल सकता है।
गंदगी के ढेर पर बैठे हैं परिवार
बसपा सरकार में बनाई गई कांशीराम कॉलोनियों में रहने वाले गरीब परिवार गंदगी और दुर्गंध के ढेर पर बैठे हैं। कॉलोनी में रहने वाले बताते हैं कि उन्हें याद ही नहीं है कि कभी नगरपालिका के सफाई कर्मचारी यहां सफाई करने आए हों। नतीजा कॉलोनी में चारों ओर गंदगी का ढेर लगा रहता है। नालियां कूड़े करकट से पटी हैं जिससे गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। कॉलोनी वालों के लिए बनाए गए पार्क में कूड़े का ढेर लगा है ऐसे में वहां बैठना मुश्किल हो जाता है। फोन करने के बाद भी नगरपालिका के कर्मचारी कूड़ा उठाने नहीं आते। कॉलोनी के दर्जनों परिवार ऐसे हैं जिनका राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया, इसके बाद से वह नया राशन कार्ड बनवाने का आवेदन कर रहे हैं लेकिन जारी नहीं किया जा रहा है। हमें गरीब परिवार मानकर ही कॉलोनी में फ्लैट दिया गया था, ऐसे में सरकारी योजनाओं का लाभ भी हमें प्राथमिकता से मिलना चाहिए। तमाम परिवार ऐसे हैं जिन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। कॉलोनी वाले बताते हैं कि विकास की रोशनी कांशीराम कॉलोनी तक नहीं पहुंच सकी है जबकि सरकार की ओर से गरीबों के लिए तमाम लाभ कारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
गर्मी शुरू होते ही कॉलोनी में पेयजल की किल्लत
कांशीराम कॉलोनी में रहने वाले परिवार बताते हैं कि कॉलोनी के साथ सरकार ने पेयजल के लिए टंकियों का निर्माण कराया था। इससे पानी की आपूर्ति सभी फ्लैटों में किया जाता था लेकिन धीरे धीरे पेयजल की टंकी खराब हो गई और आपूर्ति ठप हो गई। इसके बाद अफसरों ने उसे दुरुस्त कराने की जरूरत नहीं समझी। इसके बाद कॉलोनी के परिवार पेयजल के लिए किल्लत झेल रहे हैं। कई परिवारों ने मिलकर सबमर्सिबल पम्प की बोरिंग करा ली तो पानी निकलने लगा लेकिन इसका फायदा ग्राउंड फ्लोर पर रहने वालों को ही मिल पाता है, शेष परिवार को पानी का डिब्बा सिर पर रखकर ऊपर तक चढ़ना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या उन परिवारों के लिए है जिनके आसपास सबमर्सिबल पंप नहीं लगा है। यह लोग दूर स्थित इंडिया मार्का हैंडपंप से पानी ढोकर लाते हैं और गला तर करते हैं।
टूट चुके हैं इंडिया मार्का हैंडपंप
कांशीराम कॉलोनियों में रहने वाले परिवार बताते हैं कि पेयजल की किल्लत दूर करने के लिए कुछ इंडिया मार्का हैंडपंप भी लगाए गए थे जो वर्तमान में पूरी तरह से टूट चुके हैं। दरअसल शहर के अधिकतर हिस्सों में फ्लोराइडयुक्त पानी निकलता है, यही कारण है कि धीरे धीरे सभी इंडिया मार्का हैंडपंपों में जंग लग गई। हैंडपंप दुरुस्त कराने के लिए भी कॉलोनी वालों ने कई बार अफसरों से गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार लोगों ने शिकायतें करना बंद कर दिया। कॉलोनी में यदि जिम्मेदार दो-दो इंडिया मार्का हैंडपंप ही लगवा दें तो पेयजल की किल्लत कुछ हद तक कम हो सकती है। इसके अलावा शहर के मोहल्लों की की जाने वाली पेयजल की आपूर्ति से भी कालोनी वालों को जोड़ा जा सकता है। कालोनी में रहने वाले लोग कहते हैं कि जिम्मेदारों के उपेक्षित रवैए से हम आजिज आ चुके हैं ऐसे में अब शिकायत और डिमांड भी नहीं करते।
अराजकतत्व करते हैं विवाद
कांशीराम कॉलोनियों में रहने वाले परिवार बताते हैं कि हमारे लिए अफसरों की उपेक्षा से बड़ी समस्या कॉलोनी में अवैध रूप से रहने वाले अराजकतत्व बन गए हैं। यह लोग आए दिन किसी न किसी से विवाद करते रहते हैं और इनका विरोध करने की हिम्मत भी कोई नहीं जुटाता। यही नहीं विवाद बढ़ने पर बाहर से भी लग्जरी वाहनों से लोग आ जाते हैं। अराजक तत्वों के आसपास वाले फ्लैट में रहने वाले परिवार हमेशा सहमे रहते हैं। कारण यह लोग विवाद करने के बाद फरार हो जाते हैं और माहौल शांत होने के बाद दोबारा वापस आ जाते हैं। कॉलोनी में अवैध रूप से रहने वाले अराजकतत्वों की जानकारी अफसरों को भी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती। जबकि इनकी वजह से कॉलोनी में रहने वाले परिवार डरे सहमे रहते हैं।
शिकायतें
1. कॉलोनियों के फ्लैट में अराजकतत्वों ने अवैध रूप से कब्जा लिया है और आए दिन विवाद करते हैं।
2. कॉलोनी मे सफाई की व्यवस्था नहीं होने से चारों ओर गंदगी बिखरी रहती है।
3. कांशीराम कॉलोनी में बजबजाती नालियां और सड़क पर बहता गंदा पानी यहां की पहचान बन चुका है।
4. कॉलोनी में रहने वाले परिवारों को सरकारी सुविधाओं का लाभ तो दूर जानकारी ही नहीं हो पाती।
5. कॉलोनी में बनाई गई पेयजल टंकियां और इंडिया मार्का हैंडपंप खराब हो चुके हैं जिससे पेयजल की किल्लत हो गई है।
6. कॉलोनी में स्थापित सरकारी गल्ले की दुकान बंद होने से गरीबों को खाद्यान्न लेने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है।
सुझाव
1. कॉलोनी के गरीब परिवारों की सहूलियत के लिए पुरानी कोटे की दुकानों को फिर से बहाल किया जाना चाहिए।
2. कॉलोनी में पेयजल की समस्या का समाधान करने के लिए पानी की टंकिया रिपेयर कर आपूर्ति शुरू कराना चाहिए।
3. कॉलोनी में नियमित सफाई करने के लिए सफाई कर्मियों की तैनात की जानी चाहिए।
4. कॉलोनी के नाले-नालियों की सफाई नगरपालिका को रोस्टर के मुताबिक कराना चाहिए।
5. कॉलोनी के गरीब परिवारों को सरकारी योजना की जानकारी और लाभ देने के लिए विभागवार शिविर का आयोजन कराना चाहिए।
6. कॉलोनियों के फ्लैट में रहने वाले अराजकतत्वों को अभियान चलाकर हटाना चाहिए और रिक्त फ्लैट का आवंटन जरूरतमंदों को करना चाहिए।
जरा हमारी भी सुनिए..
कांशीराम कॉलोनियों में सफाई करने के लिए सफाई कर्मचारी नहीं हैं। नगरपालिका की सीमा में रहने के बाद भी हम लोग शहरी सुविधाओं से वंचित हैं। खुद सफाई करने के बाद कूड़ा उठाने के लिए फोन करने पर भी पालिका के कर्मचारी नहीं आते। जिससे कूड़े का ढेर लगा रहता है।
राजकुमारी
मेरा राशन कार्ड बना था जिसमें पूरे परिवार का नाम शामिल था लेकिन वह निरस्त कर दिया गया। छह महीने से राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन कर रही हूं लेकिन कभी सत्यापन तो कभी आवेदन मे खामियां बताकर आवेदन निरस्त कर दिया जाता है। इससे मुफ्त खाद्यान्न की सुविधा नहीं मिल रही है।
रेशमा
कॉलोनी में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है। पेयजल की टंकी खराब होने के बाद से आपूर्ति बाधित है, इसे किसी ने बनवाने की जरूरत नहीं समझी। पानी की टंकी खराब होने के कारण लोग दूर से पानी ढोकर लाते हैं। जिम्मेदारों को पानी की टंकी रिपयेर करा कर आपूर्ति बहाल करना चाहिए।
नजमा
कॉलोनी में वैध तरीके से रहने वाले अधिकतर परिवार गरीब श्रेणी में आते हैं लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। इसके लिए सरकारी विभागों की ओर से कॉलोनी में शिविर लगाकर पात्र लाभार्थियों का चयन कर योजनाओं का लाभ देना चाहिए। इससे सरकार की योजना गरीबों तक पहुंचेगी।
चंदा गौतम
बसपा सरकार के सत्ता से जाने के बाद से कांशीराम कॉलोनी के परिवार उपेक्षित हैं। यहां न सफाई कराई जाती है और न हमारी समस्या को सुनने वाला कोई है। जिम्मेदारों को हमारी समस्याएं सुनकर समाधान करना चाहिए। जिससे हमें भी बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।
रेखा गौतम
पहले कॉलोनी की छोटी-छोटी समस्या पर भी अफसर, कर्मचारी पहुंच जाते थे, अब शिकायत के बाद भी कोई नहीं आता। शहर की सीमा रहने के बाद भी हमे कोई सुविधा नहीं मिल रही है। कालोनी के परिवार गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं।
चिनिया
कांशीराम कॉलोनियों में जलनिकासी की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। इसका कारण यह है कि नालियां पूरी तरह से कूड़ा करकट से पट चुकी हैं। पालिका प्रशासन को नालियों की सफाई का रोस्टर बनाकर कराना चाहिए। जिससे बारिश में जलभराव न हो।
विजय शुक्ल
कॉलोनी वालों को पेयजल की आपूर्ति करने के लिए लाखों रुपये की लागत से बनाई गई पानी की टंकी मामूली खराबी के कारण बंद पड़ी है। जिससे लोगों पेयजल की समस्या से गुजरना पड़ रहा है। इसे रिपेयर कराकर आपूर्ति बहाल की जा सकती है।
पप्पू सरोज
कांशीराम कॉलोनी में रहने वाले परिवार भी नगरपालिका सहित विधानसभा और लोकसभा के चुनाव मे मतदान करते हैं लेकिन जीतने के बाद जनप्रतिनिधि हमारी समस्याएं जानने नहीं आते। इससे हम उपेक्षित महसूस करते हैं। जनप्रतिनिधियों को हमारी समस्या का समाधान कराना चाहिए।
अरमान
कॉलोनी में रहने वाले परिवारों की सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन को अवैध तरीके से फ्लैट में रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए। इससे उन गरीब परिवारों को भी घर मिल जाएगा जो सड़क के फुटपाथ पर झोपड़ी बनाकर रहते हैं।
कल्लू
कॉलोनी के कई परिवार मुफ्त खाद्यान्न योजना से वंचित हैं कारण इनके राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। पूर्ति विभाग को गरीब परिवारों का राशन कार्ड प्राथमिकता से जारी करना चाहिए। इसके लिए जिम्मेदारों को कॉलोनी में शिविर आयोजित कर पात्रता तय करनी चाहिए।
फूलकुमार
बोले जिम्मेदार
कांशीराम कॉलोनियों का सर्वे कराकर उसमें रहने वालों का सत्यापन कराया जाएगा। कॉलोनी में अवैध तरीके से रहने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी। जो सुविधाएं नगरपालिका से मिल सकती हैं, उसके लिए ईओ से बात कर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
शैलेन्द्र वर्मा, एसडीएम सदर
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