राजा भैया के पिता पर 2003 के बाद पहली बार मुकदमा
प्रदेश में बसपा शासनकाल के दौरान कुंडा विधायक कुंवर रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के खिलाफ मुकदमे लिखे गए तो उसकी चपेट में उनके पिता राजा उदय प्रताप सिंह भी आए। उस समय लिखे गए मुकदमे के बाद अब उनके...
प्रदेश में बसपा शासनकाल के दौरान कुंडा विधायक कुंवर रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) के खिलाफ मुकदमे लिखे गए तो उसकी चपेट में उनके पिता राजा उदय प्रताप सिंह भी आए। उस समय लिखे गए मुकदमे के बाद अब उनके खिलाफ पुलिस ने भाजपा सरकार में कार्रवाई की है।
कुंडा के निर्दल विधायक राजा भैया के खिलाफ 2003 में कई मुकदमे कायम किए गए। उन मुकदमों की आंच राजा भैया के पिता भदरी नरेश राजा उदय प्रताप सिंह को भी लगी। भदरी कोठी में कार्रवाई के साथ ही पोटा जैसे मुकदमे को झेलना पड़ा। कई महीने तक राजा उदय प्रताप सिंह को जेल में रहना पड़ा था। उस समय के मुकदमे राजनीतिक विद्वेष में लिखाया जाना बताया जा रहा था। बसपा सरकार जाने के बाद राजा उदय प्रताप सिंह के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं लिखा गया। 2014 में मोहर्रम के समय शेखपुर आशिक में हनुमान चालीसा पाठ और भंडारे पर मामला गरम हुआ तो 2015 में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ताजिया न उठाकर इसका पुरजोर विरोध किया। इस पर 2016 से राजा उदय प्रताप सिंह को भंडारा और हनुमान चालीसा की अनुमति नहीं मिली। इस बार भी उन्होने अनुमति मांगी थी लेकिन जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों पर अनुमति नहीं दी। मोहर्रम बीतने के बाद मंगलवार रात राजा उदय प्रताप सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। इलाके में हिन्दूवादी नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले राजा उदय प्रताप सिंह के खिलाफ भाजपा सरकार में मुकदमे लिखे जाने पर सियासी गलियारे में इसकी चर्चा है। इस मुकदमे पर पक्ष-विपक्ष सभी अलग-अलग मायने निकालने में लगे हैं।