छह थानों की फोर्स के साथ डटे रहे सीआरओ और एएसपी
रायबरेली जिले में पूर्व प्रधान व उसके साथियों की हत्या के बाद शव घर आने की सूचना पर जिला प्रशासन सतर्क हो गया था। छह थानों की फोर्स के साथ मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ) राम सिंह वर्मा व एएसपी पश्चिमी...
रायबरेली जिले में पूर्व प्रधान व उसके साथियों की हत्या के बाद शव घर आने की सूचना पर जिला प्रशासन सतर्क हो गया था। छह थानों की फोर्स के साथ मुख्य राजस्व अधिकारी (सीआरओ) राम सिंह वर्मा व एएसपी पश्चिमी वंशीलाल ने गांव में डेरा डाल दिया। शव आने के बाद अधिकारियों ने परिजनों को समझाया। इसके बाद सभी शव अंतिम संस्कार के लिए मानिकपुर के गंगाघाट ले जाए गए। मंगलवार सुबह देवारा गांव के पूर्व प्रधान रोहित शुक्ल, नरेंद्र उर्फ बच्चा, भाष्कर मिश्र तथा अनूप मिश्र का शव रायबरेली से लाया गया। एक ही गांव के चार युवकों की हत्या पर जिला प्रशासन सतर्क हो गया था। सीआरओ, एएसपी पश्चिमी, एसडीएम लालगंज अभय कुमार पाण्डेय, सीओ अतुल सोनकर डटे रहे। इसके अलावा कुंडा, नवाबगंज, उदयपुर, सांगीपुर, लालगंज तथा मानिकपुर थाने की फोर्स मौजूद रही। देवारा गांव के कोने-कोने में पुलिस बल की तैनाती रही। पुलिसकर्मी परिजनों के साथ ही ग्रामीणों को समझाने में लगे थे। इस दौरान परिजनों ने शव के अंतिम संस्कार की तैयारी की। इसके बाद पुलिस सुरक्षा के बीच शवों को मानिकपुर गंगाघाट ले जाया गया। वहां अंतिम संस्कार किया गया। सांसद प्रमोद के करीबियों में शामिल था रोहित देवारा गांव का पूर्व प्रधान रोहित शुक्ल सांसद प्रमोद तिवारी के करीबियों में शामिल था। कांग्रेस का नेता होने के नाते सांसद प्रमोद तिवारी व विधायक आराधना मिश्रा (मोना) उसे अपना मानते थे। इसके चलते रोहित शुक्ला का इलाके में दबदबा भी था। सार्वजनिक समस्या हो या फिर निजी मामले, पूर्व प्रधान बेधड़क नेताओं तक अपनी बात पहुंचाकर उस पर कार्रवाई कराने में माहिर था। प्रशासनिक अमले से लेकर इलाके में पूर्व प्रधान की अच्छी पकड़ थी।