इस बार नए साल के पहले दिन बेल्हा देवी धाम पर आस्था के साथ उत्सव का संगम दिखा। सुबह से लेकर शाम तक धाम पर इस कदर भीड़ रही कि नवरात्र जैसा माहौल दिखने लगा। भीड़ बढ़ने के कारण धक्कामुक्की भी हो गई। शुक्रवार होने के कारण लोगों ने धाम पर मत्था टेकने के साथ परिवार के साथ नए वर्ष का उत्सव भी मनाया।
बेल्हा में नववर्ष के स्वागत में गुरुवार आधी रात से ही जश्न शुरू हो गया था। संक्रमण से बचाव के लिए लोग भले ही सार्वजनिक स्थलों पर नहीं जुटे, लेकिन मोहल्लों व घरों में युवाओं की टीम आधी रात से ही धमाल करने लगी थी। शहर के कई मोहल्लों में महिलाओं की ओर से कार्यक्रम रखा गया था। शुक्रवार सुबह से ही लोग परिवार व दोस्तों के साथ बाहर निकलने लगे। कोरोना संक्रमण के फैलाव की दहशत से सार्वजनिक स्थलों पर कोई आयोजन नहीं होने व कंपनी गार्डेन के बंद होने से हर कोई बेल्हा देवी पहुंचने लगा। दिन में करीब 11 बजे पूरा बेल्हा देवी धाम खचाखच भर गया। सभी लोगों ने दर्शन के साथ परिवार व दोस्तों के साथ नए साल का जश्न भी मनाया।
नाव में बैठकर लिया आनंद : लोगों ने सई नदी में नाव पर काफी दूर तक घूमकर आनंद लिया। धाम पर सिर्फ एक ही नाव उपलब्ध थी। ऐसे में लोगों ने नाव में बैठने के लिए घंटों इंतजार भी किया। उसके बाद परिवार संग आनंद लिया।
खूब बिके गुलाब के फूल व बुके : नववर्ष पर फूल व बुके की बिक्री भी खूब हुई। बेल्हा देवी धाम सहित शहर के सभी प्रमुख मंदिरों व जीआईसी के सामने फूल की दुकानों पर खरीदार दिखे। फूल व बुके खरीदने वालों में सबसे अधिक कर्मचारियों के साथ युवा शामिल रहे। दरअसल, दफ्तरों में भी नववर्ष पर सम्बंधित विभाग के अफसर को बुके देने का प्रचलन है। कर्मचारियों ने अपने अधिकारियों को बुके व फूल देकर नए वर्ष की बधाई दी।
सादे वेश में घूमती रही पुलिस : बेल्हा देवी धाम पर शुक्रवार को उमड़ी भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस भी सक्रिय दिखी। सादे वेश में महिला व पुरुष पुलिसकर्मी धाम से लेकर बाहर तक घूमते दिखे। युवाओं की भीड़ जुटने से पुलिस को अप्रत्याशित घटना की आशंका बनी थी।