कानफोड़ू पटाखों पर रोक, ग्रीन पटाखे से मनेगी दिवाली
बेल्हा में भी प्रदूषण खतरनाक स्थिति के करीब होने के कारण दिवाली पर कानफोड़ू पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। अब जिले में आतिशबाज और दुकानदार...
बेल्हा में भी प्रदूषण खतरनाक स्थिति के करीब होने के कारण दिवाली पर कानफोड़ू पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। अब जिले में आतिशबाज और दुकानदार सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेच सकेंगे। ‘नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रिपोर्ट पर डीएम ने तत्काल प्रभाव से तेज आवाज वाले पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है।
जिले में पहले से करीब 150 आतिशबाजों को पटाखे बनाने और बेचने के स्थायी लाइसेंस दिए गए थे। इस बीच सभी एसडीएम ने अपने इलाके में पटाखे बेचने के लिए 500 से अधिक अस्थायी लाइसेंस जारी कर दिया। जिले के आतिशबाज और दुकानदार सिर्फ महानगरों में पटाखे की बिक्री पर रोक के आदेश से राहत महसूस कर रहे थे लेकिन इस बीच ‘एनजीटी की रिपोर्ट ने प्रदूषण के खतरनाक मुहाने पर खड़े जिलों में पटाखे फोड़ने पर रोक लगाने की सिफारिश कर दी। इसमें बेल्हा भी शामिल है। डीएम डॉ. रूपेश कुमार ने सभी उपजिलाधिकारियों को पत्र भेजकर कानफोड़ू पटाखों की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने और सिर्फ ग्रीन पटाखों की ही बिक्री की अनुमति देने का निर्देश दिया है।
लाइसेंस पाने वालों को कर रहे सचेत : स्थायी लाइसेंस वालों के साथ अस्थायी दुकान का लाइसेंस पाने वाले दुकानदारों को अधिकारी अब सचेत कर रहे हैं। जिन लोगों ने पटाखे की दुकान लगा रखी है, अधिकारी व कर्मचारी उनके पास जाकर सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचने की हिदायत दे रहे हैं।