
प्लीज जरा सुन लें नगर निगम वाले, इस वजह से तय नहीं हो पा रहे इन बेटे-बेटियों के रिश्ते
संक्षेप: लखनऊ के ऐशबाग राम नगर धोबी घाट के पास रहने वाले लोग लंबे समय से कूड़ा घर से परेशान हैं। यहां आस-पास के कई इलाकों का कूड़ा आता है। डंप करने के बाद उसे उठाया ही नहीं जाता है। कई कई दिनों तक कचरा पड़ा रहता है। स्थानीय निवासियों ने इसको लेकर सोमवार को प्रदर्शन किया था।
राजधानी लखनऊ के रामनगर ऐशबाग धोबी घाट के पास बने नगर निगम के कूड़ा घर ने इलाके के परिवारों की खुशियां छीन ली हैं। यहां के 25 से 30 परिवारों के बेटे-बेटियों के रिश्ते सिर्फ इसी वजह से नहीं हो पा रहे हैं। घर देखने आने वाले मेहमान सामने फैली गंदगी और कूड़ा देखकर लौट जाते हैं। यह बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि क्षेत्र के पार्षद, पूर्व पार्षद और रामनगर निवासी खुद बता रहे हैं। कूड़े को लेकर मंगलवार की सुबह भी यहां के लोगों ने विरोध किया। कूड़ा डालने आने वाली गाड़ियों को लौटा दिया। लोगों का कहना है कि नगर निगम वाले कृपा करके जरा सुन लें, इस समस्या पर थोड़ा ध्यान दें तो यहां भी साफ-सफाई रह सकती है। बेटे-बेटियों के रिश्ते तय हो सकते हैं और परिवारों की खुशियां वापस आ सकती हैं।

ऐशबाग राम नगर धोबी घाट के पास रहने वाले लोग लंबे समय से कूड़ा घर के कारण परेशान हैं। यहां आस-पास के कई इलाकों का कूड़ा आता है। डंप करने के बाद उसे उठाया ही नहीं जाता है। कई कई दिनों तक कचरा पड़ा रहता है। स्थानीय निवासियों ने इसको लेकर सोमवार को प्रदर्शन किया था। मंगलवार को भी लोगों ने सुबह कूड़ा डालने का विरोध किया। उन्होंने गाड़ियों को कचरा डंप नहीं करने दिया। उनका कहना था कि नगर निगम कूड़ा घर हटाए। वरना उनके घरों के बच्चों के रिश्ते नहीं हो पाएंगे। यहां के लोग अवसाद में जा रहा है। लोगों का कहना है कि रिश्ते तय न होने से सामाजिक सरोकार खत्म होते जा रहे हैं।
कचरा डालने आईं गाड़ियों को रोका
पूर्व पार्षद सकेत शर्मा ने बताया कि वह ऐसे 25 से 30 परिवारों को जानते हैं जिनके बेटे-बेटियों के रिश्ते कूड़ा घर की वजह से टूट गए। अक्सर उनके पास शिकायत लेकर आते हैं। इसीलिए सुबह भी जब गाड़ियां कचरा डालने आईं तो लोगों के साथ मिलकर उसे रोका।
राजधानी लखनऊ के रामनगर ऐशबाग धोबी घाट के पास बने नगर निगम के कूड़ा घर ने इलाके के परिवारों की खुशियां छीन ली हैं। यहां के 25 से 30 परिवारों के बेटे-बेटियों के रिश्ते सिर्फ इसी वजह से नहीं हो पा रहे हैं। घर देखने आने वाले मेहमान सामने फैली गंदगी और कूड़ा देखकर लौट जाते हैं। यह बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि क्षेत्र के पार्षद, पूर्व पार्षद और रामनगर निवासी खुद बता रहे हैं। कूड़े को लेकर मंगलवार की सुबह भी यहां के लोगों ने विरोध किया। कूड़ा डालने आने वाली गाड़ियों को लौटा दिया। लोगों का कहना है कि नगर निगम वाले कृपा करके जरा सुन लें, इस समस्या पर थोड़ा ध्यान दें तो यहां भी साफ-सफाई रह सकती है। बेटे-बेटियों के रिश्ते तय हो सकते हैं और परिवारों की खुशियां वापस आ सकती हैं।
ऐशबाग राम नगर धोबी घाट के पास रहने वाले लोग लंबे समय से कूड़ा घर के कारण परेशान हैं। यहां आस-पास के कई इलाकों का कूड़ा आता है। डंप करने के बाद उसे उठाया ही नहीं जाता है। कई कई दिनों तक कचरा पड़ा रहता है। स्थानीय निवासियों ने इसको लेकर सोमवार को प्रदर्शन किया था। मंगलवार को भी लोगों ने सुबह कूड़ा डालने का विरोध किया। उन्होंने गाड़ियों को कचरा डंप नहीं करने दिया। उनका कहना था कि नगर निगम कूड़ा घर हटाए। वरना उनके घरों के बच्चों के रिश्ते नहीं हो पाएंगे। यहां के लोग अवसाद में जा रहा है। लोगों का कहना है कि रिश्ते तय न होने से सामाजिक सरोकार खत्म होते जा रहे हैं।
कचरा डालने आईं गाड़ियों को रोका
पूर्व पार्षद सकेत शर्मा ने बताया कि वह ऐसे 25 से 30 परिवारों को जानते हैं जिनके बेटे-बेटियों के रिश्ते कूड़ा घर की वजह से टूट गए। अक्सर उनके पास शिकायत लेकर आते हैं। इसीलिए सुबह भी जब गाड़ियां कचरा डालने आईं तो लोगों के साथ मिलकर उसे रोका।
मेहमान भी आने से कतराते हैं : पार्षद
क्षेत्रीय पार्षद संदीप शर्मा ने कहा कि कई बार रिश्तेदारों और बाहर से आए लोगों को समझाना पड़ा कि कूड़ा घर हटेगा, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हालात यह हैं कि कई घरों में मेहमान आना ही बंद कर चुके हैं। लोगों का सामाजिक दायरा सीमित हो रहा है।
15–15 दिन तक नहीं उठता कूड़ा
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर कचरा रोजाना उठे तो समस्या इतनी विकराल न हो, लेकिन नगर निगम और लायंस एनवायरो कंपनी की लापरवाही से अक्सर 10–15 दिन तक कचरा ज्यों का त्यों पड़ा रहता है। सड़कें कूड़े से पटी रहती हैं और आने-जाने का रास्ता तक बंद हो जाता है। बदबू बहुत होती है। आस-पास रहना मुश्किल हो जाता है।
क्षेत्रीय पार्षद संदीप शर्मा ने कहा कि कई बार रिश्तेदारों और बाहर से आए लोगों को समझाना पड़ा कि कूड़ा घर हटेगा, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हालात यह हैं कि कई घरों में मेहमान आना ही बंद कर चुके हैं। लोगों का सामाजिक दायरा सीमित हो रहा है।
15–15 दिन तक नहीं उठता कूड़ा
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर कचरा रोजाना उठे तो समस्या इतनी विकराल न हो, लेकिन नगर निगम और लायंस एनवायरो कंपनी की लापरवाही से अक्सर 10–15 दिन तक कचरा ज्यों का त्यों पड़ा रहता है। सड़कें कूड़े से पटी रहती हैं और आने-जाने का रास्ता तक बंद हो जाता है। बदबू बहुत होती है। आस-पास रहना मुश्किल हो जाता है।





