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अपहरण की कहानी है झूठ का पुलिंदा, गुत्थी उलझी

दिनदहाड़े डेढ़ साल की बच्ची के अपहरण की कहानी पुलिस के गले नहीं उतर रही है। अस्पताल में 18 सीसीटीवी कैमरे हैं, मगर किसी भी कैमरे में महिला की अस्पताल में इंट्री नहीं हुई। जिस मुख्य गेट पर महिला आटो से...

दिनदहाड़े डेढ़ साल की बच्ची के अपहरण की कहानी पुलिस के गले नहीं उतर रही है। अस्पताल में 18 सीसीटीवी कैमरे हैं, मगर किसी भी कैमरे में महिला की अस्पताल में इंट्री नहीं हुई। जिस मुख्य गेट पर महिला आटो से...
1/ 2दिनदहाड़े डेढ़ साल की बच्ची के अपहरण की कहानी पुलिस के गले नहीं उतर रही है। अस्पताल में 18 सीसीटीवी कैमरे हैं, मगर किसी भी कैमरे में महिला की अस्पताल में इंट्री नहीं हुई। जिस मुख्य गेट पर महिला आटो से...
दिनदहाड़े डेढ़ साल की बच्ची के अपहरण की कहानी पुलिस के गले नहीं उतर रही है। अस्पताल में 18 सीसीटीवी कैमरे हैं, मगर किसी भी कैमरे में महिला की अस्पताल में इंट्री नहीं हुई। जिस मुख्य गेट पर महिला आटो से...
2/ 2दिनदहाड़े डेढ़ साल की बच्ची के अपहरण की कहानी पुलिस के गले नहीं उतर रही है। अस्पताल में 18 सीसीटीवी कैमरे हैं, मगर किसी भी कैमरे में महिला की अस्पताल में इंट्री नहीं हुई। जिस मुख्य गेट पर महिला आटो से...
हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतFri, 30 Aug 2019 12:40 AM
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दिनदहाड़े डेढ़ साल की बच्ची के अपहरण की कहानी पुलिस के गले नहीं उतर रही है। अस्पताल में 18 सीसीटीवी कैमरे हैं, मगर किसी भी कैमरे में महिला की अस्पताल में इंट्री नहीं हुई। जिस मुख्य गेट पर महिला आटो से आना बता रही है वो भी सीसीटीवी कैमरे में नहीं आया।

न ही अस्पताल के ओपीडी रजिस्टर में महिला या फिर उसकी बच्ची के नाम का जिक्र है। महिला कह रही है कि अस्पताल में जब वो गई तो न तो कोई पर्चा बना रहा था और न कोई डाक्टर अपने चैंबर में मिला। जबकि सीसीटीवी कैमरे उसकी बात को झुठला रहे हैं? डाक्टर ओपीडी का समय खत्म होने के बाद ही यहां से निकले। अस्पताल से सटे जिस खेत में महिला शौच को गई थी, वहां से हरवक्त लोगों की आवाजाही रहती है। महिला तीन घंटे तक बेहोश पड़ी रही और किसी ने देखा तक नहीं, ऐसा भी नामुमकिन माना जा रहा है। जिस बच्ची की महिला दवा लेने गई थी वो जन्म से ही अतिकुपोषित थी। परिजन उसे सूखा रोग की बीमारी बता रहे हैं। बताया कि बंडा शाहजहांपुर समेत कई जगहों से उसका इलाज कराया मगर वो ठीक नहीं हुई। मां गीता देवी बेटी की इस हालत को लेकर भी परेशान थी। एक माह पहले ही गीता ने एक और मृत बच्ची को जन्म दिया। जिसके बाद से उसकी हालत भी काफी खराब थी। मां और बेटी दोनों अस्वस्थ थे। परिवार की माली हालत इतनी अच्छी भी नहीं थी कि उसे कहीं दूर अच्छे अस्पताल में दिखा पाते। घटनास्थल से एक किमी. दूर ही महिला का मायका खुटराया गांव में है, मगर फिर भी शाम तक उसने वहां भी किसी को कुछ क्यूं नहीं बताया? एसपी ने रात को ही इनसभी पहलुओं पर पुलिस से बातचीत की। पूरी घटना को लेकर काफी सस्पेंस है। जिसकी गहराई से जांच की जा रही है।

आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्री की भी जिम्मेदारी

परिजनों की चूक ये रही कि बीमार बच्ची को डेढ़ साल तक लेकर भटकने की बजाय जिला अस्पताल में ही ऐसे बच्चों के लिए बनाए गए वार्ड में उसे भर्ती करा दिया गया होता तो शायद वो स्वस्थ हो सकती थी। परिवार नासमझ था मगर गांव की आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्री की ये जिम्मेदारी थी, उन्होंने इसमें क्या किया, अब ये भी जांच का विषय बन गया है।

करेली चौकी में हुई दम्पति से पूछताछ

अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद एसआई संजय सिंह महिला और उसके पति को पूछताछ के लिए सबसे लेकर बिलसंडा लेकर आए। अस्पताल से सटे उस खेत की ओर पुलिस दम्पति को लेकर पहुंची जहां से वो अपहरण का आरोप लगा रही है। यहां महिला को आते जाते एक युवक ने देखा भी। यहां के बाद पुलिस और एसओजी टीम दम्पति को लेकर करेली पुलिस चौकी पहुंची। वहां उनसे काफी देरतक पूछताछ की गई।

मम्मी पापा कब आएंगे, रो रहे बच्चे

गीता देवी के तीन बच्चे हैं। बड़ी बेटी संगीता 11 साल की। दूसरा बेटा समर 6 साल का और एक बेटी जाबित्री जो अपहरण हो गई। करीब 15 साल पहले उसकी शादी हुई थी। पति मजदूरी करता है। सास ससुर भी इसी मकान में रहते हैं। मगर एक दूसरे की किसी से ज्यादा बनती नहीं है। जाबित्री के अपहरण की खबर शाम को घर पहुंची गीता ने सभी को बताई तो भाई बहन भी रोने लगे। सुबह पुलिस गीता और उसके पति सर्वेश को पूछताछ के लिए अपने साथ ले आई। पूरे दिन माता पिता को लेकर बच्चे परेशान रहे। पूछते रहे कि मम्मी पापा कहां है, अब आएंगे?

महिला को अस्पताल में कराया भर्ती

पूरे घटनाक्रम के बाद महिला की हालत काफी खराब हो गई। पुलिस पूछताछ के बाद महिला सहम गई। जिसके बाद पुलिस महिला को लेकर बिलसंडा सीएचसी पहुंची। डाक्टरों ने उसका मेडिकल कर उपचार शुरू किया। हालत स्थिर होने के बाद पुलिस उसे अपने साथ ले गई। महिला की तरह तरह की बातें भी पुलिस को परेशान कर रही हैं।

अफवाहों से सहमे लोग

डीजीपी जहां एक ओर बच्चा चोरी की अफवाह फैलाने वालों पर रासुका की कार्रवाई की बात कह रहे हैं, वहीं कुछ लोग बिना सोचे समझे लगातार ऐसे मैसेजों को सोशल मीडिया पर जमकर वायरल कर रहे हैं। बिना सोचे समझे ऐसे मैसेज करना गलत हैं। अफवाहों के बीच गुरूवार सुबह कुछ लोगों ने करेली चौकी क्षेत्र के भदेंगकंजा गांव के समीप दो महिलाओं को पकड़ने का दावा किया, जिनपर बच्चों की चोरी का आरोप लगा। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई। चपरौआ गांव में भी कुछ लोगों ने ऐसी अफवाह फैलाने की कोशिश की। हालांकि ऐसा था कहीं नहीं? इंस्पेक्टर एसकेसिंह ने बताया कि ऐसे मामलों को देखा जा रहा है। अफवाह फैलाना गलत है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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