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पंजीकरण का पूरा नहीं हुआ लक्ष्य, पुराने किसानों से साधा जा रहा संपर्क

सरकारी धान क्रय केन्द्रों पर धान बिक्रीके लिए किसानों के पंजीकरण की रफ्तार गति नहीं पकड़ सकी है। पंजीकरण के लिए निर्धारित समय में मात्र दो दिन शेष बचे हैं और अब तक सात हजार किसानों का ही पंजीकरण हो...

पंजीकरण का पूरा नहीं हुआ लक्ष्य, पुराने किसानों से साधा जा रहा संपर्क
हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतMon, 15 Oct 2018 01:09 PM
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सरकारी धान क्रय केन्द्रों पर धान बिक्रीके लिए किसानों के पंजीकरण की रफ्तार गति नहीं पकड़ सकी है। पंजीकरण के लिए निर्धारित समय में मात्र दो दिन शेष बचे हैं और अब तक सात हजार किसानों का ही पंजीकरण हो सका है। ऐसी दशा में जिला खरीद अधिकारी ने लेखपालों को पंजीकरणकी जिम्मेदारी दी है। पिछले साल सेंटर पर धान बचने वाले किसानों से भी प्रशासन संपर्क साध रहा है। पंजीकरण न कराने वाले किसानों को चेतावनी नोटिस भी जारी किए गए हैं।धान सेंटर पर बिचौलियों की मनमानी रोकने के लिए शासन ने इस बार पंजीकृत किसानों का ही धान सेंटर पर खरीदे जाने के आदेश जारी किए हैं।

शासन के इस आदेश के बाद खरीद शुरू होने से पहले पंजीकरण कराना शुरू कर दिया गया था। खरीद शुरू होने के बाद भी शत प्रतिशत किसानों का पंजीकरण नहीं हो सका था। इस पर 15 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी। तय समय में मात्र दो दिन शेष बचे हैं पर 30 हजार किसानों में अब तक मात्र सात हजार का ही पंजीकरण हो सका है। ऐसी दशा में शासन से मिले लक्ष्य की पूर्ति करने में प्रशासन अभी से परेशान दिखाई दे रहा है। प्रशासन ने अब अधिक से अधिक किसानों का पंजीकरण कराने के लिए लेखपालों को जिम्मेदारी दी है। इसमें पिछले साल धान बिक्री करने वाले 24 हजार किसानों से संपर्क कर उनका पंजीकरण कराने के आदेश है। एडीएम व जिला खरीद अधिकारी ने लेखपालों से पुराने किसानों को चेतावनी नोटिस भेजकर उनसे बात करने के लिए कहा है। गांवों में राजस्व की टीम किसानों के घर घर जाकर शासन के आदेशों की जानकारी दीे रही है। इतना सब होने के बाद भी किसानों को पंजीकरण के प्रति रुझान स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।

किसानों के पंजीकरण के लिए 15 अक्टूबर की तिथि तय की गई है। जिले में अब तक सात हजार के आसपास किसानों के पंजीकरण हुए है। पंजीकरण न कराने वाले किसानों को नोटिस भी भेजे गए है। लेखपालों को शत प्रतिशत पंजीकरण की जिम्मेदारी दी गई है।

डा. अविनाश झा, डिप्टी आरएमओ

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