स्वाभिमानी बनो अभिमानी नहीं : शशि
Pilibhit News - आर्य समाज की शशि आर्या ने कहा कि अभिमान और घमंड मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। सफल जीवन के लिए विनम्रता और सादगी जरूरी हैं। उन्होंने महाराणा प्रताप के उदाहरण से बताया कि स्वाभिमान को बनाए रखना चाहिए।...

आर्य समाज की अंतरराष्ट्रीय वैदिक भजनोपदेशक शशि आर्या ने कहा है कि अभिमान और घमंड मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। जीवन में सफल होने के लिए विनम्रता व सादगी आवश्यक है। भजनोपदेशिक ने सुन्दरपुर खाक सराय में तीन दिवसीय वेदिक महोत्सव में कहा कि हमें अपने अंदर अभिमान नहीं लाना चाहिए और स्वाभिमान को कभी खोना नहीं चाहिए। महाराणा प्रताप ने घास की रोटियां तक खाईं, जंगलों में सोए, लेकिन कभी स्वाभिमान से समझौता नहीं किया। उनका जीवन मातृभूमि के प्रति अथाह प्रेम और समर्पण का अनन्य उदाहरण है। वे आजीवन संघर्षों में रहे। विशाल सेनाओं से युद्ध करते रहे, लेकिन मातृभूमि मेवाड़ की आन को बनाए रखा। हिन्दुओं को सजग और सावधान रहने की जरूरत है। कार्यक्रम में बरेली बहेड़ी से पधारे विमल देव अग्निहोत्री ने श्रोताओं को अपने भजनों के माध्यम से मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुतियां प्रदान कर बुराइयों को त्यागने का संकल्प लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरि भारद्वाज ने की। मौके पर निरंजन सिंह,देवकीनंदन , पीलीभीत आर्यसमाज एवं पूरनपुर आर्यसमाज के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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