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कहीं शारदा इस बार भुजिया का न मिटा दे अस्तित्व

बरसात नजदीक होने और पहाड़ों पर हो रही बरसात के बाद भी भुजिया गांव के समीप अभी तक बचाव कार्य शुरु नहीं किया गया है। आधे गांव और कृषि योग्य जमीन को पहले ही निगल चुकी शारदा के निशाने पर अब बाकी की बची...

कहीं शारदा इस बार भुजिया का न मिटा दे अस्तित्व
हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतFri, 16 Jun 2017 12:26 AM
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बरसात नजदीक होने और पहाड़ों पर हो रही बरसात के बाद भी भुजिया गांव के समीप अभी तक बचाव कार्य शुरु नहीं किया गया है। आधे गांव और कृषि योग्य जमीन को पहले ही निगल चुकी शारदा के निशाने पर अब बाकी की बची हुई आबादी भी बाढ़ आने से आ जाएगी। बाढ़ खंड के भेजे गए प्रस्ताव को हरी झंडी तो मिल गई है लेकिन शासन से धनराशि अवमुक्त न होने से काम नहीं हो पा रहे हैं। शारदा नदी के मुहाने पर बसा गांव भुजिया कई सालों से बाढ़ की बिभीषिका का दंश झेल रहा है। इस गांव में अच्छी खासी आबादी थी लेकिन शारदा के लगातार तबाही मचाने से आधी अधूरी रह गई है। पिछले साल शारदा ने कृषि योग्य भूमि और आधे गांव को अपने आगोश में लेकर मिटा दिया था। यहां पर बचाव कार्य होने से शारदा पूरे गांव को तबाह नहीं कर सकी। वर्तमान में 20 से 25 परिवार इस गांव में रहते हैं जिनकी थोड़ी बहुत जमीन भी बची हुई है। इसबार बरसात सिर पर आ गई है। अभी तक बचाव कार्य नहीं किए गए हैं और न ही शासन इसको लेकर गंभीर है। पहाड़ों पर बरसात होने से कई बार शारदा का जलस्तर घटता और बढ़ता रहा है। अगर समय रहते बचाव कार्य नहीं किए गए तो शारदा नदी इस बार आने वाली संभावित बाढ़ में भुजिया की आबादी और कृषि योग्य जमीन का अस्तित्व मिटा देगी। बाढ़ खंड के अधिकारी पिछले साल ही भुजिया में बचाव कार्य कराने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज चुके हैं जिसको पास कर दिया गया लेकिन धनराशि अवमुक्त नहीं की गई है। इससे लोगों की और धड़कने बढ़ रही है।----भुजिया के पास ही है डैमजिस स्थान पर भुजिया गांव है उस स्थान से शारदा सागर डैम की नाममात्र की दूरी है। अगर संभावित बाढ़ को लेकर बचाव कार्य नहीं कराए गए तो शारदा सागर जलाशय को भी खतरा पैदा हो सकता है। अधिकारी इसको लेकर सजग नहीं हुए हैं। शारदा की तलहटी में लेते हैं शरणफोटो 15 पीबीटीएफ 27बर्ष 1964 में शारणार्थी के रुप में बिजौरिया खुर्दकलां में जंगल झाड़ी काटकर बसे थे। नदी ने गांव का अस्तित्व मिटया तो भुजिया गांव को नया ठिकाना बना लिया लेकिन यहां भी कटान होने से तलहटी में शरण लिए हुए हैं। शारदा नदी डैम की तरफ अपना रुख कर रही है जिससे बड़ा खतरा हो सकता है।रमेश राहा, बाढ़ पीड़ित----नहीं मिला अभी तक कोई मुआवजाफोटो 15 पीबीटीएफ 28शारदा नदी ने घर और कृषि योग्य जमीन सभी काटकर अपनी भेंट चढ़ा लिया। सबकुछ तबाह होने से डैम की तलहटी में रहकर जीवन यापन कर रहे हैं। अधिकारियों ने अभी तक मुआवजे के नाम पर सिर्फआश्वासन दिया लेकिन एक भी धेला नसीब नहीं हो सका। आर्थिक तंगी से जूझ रहा हूं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।चित्तू मंडल, भुजिया----सरकारी आवास भी चढ़ा शारदा की भेंटफोटो 15 पीबीटीएफ 29पिछले साल शारदा नदी ने जमकर जबाही मचाई। पट्टे की जमीन और सरकारी आवास भी शारदा में समा गया। खेती के साथ ही घर से भी बेघर हो गया। विभाग और जनप्रतिनिधियों ने एक बार भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। शीघ्र शासन को मुआवजा दिलाया जाना चाहिए। अशोक राय----जन्म लेने से अब तक झेल रहा हूं दंशफोटो 15 पीबीटीएफ 30जन्म लेने के बाद से शारदा की तबाही का दंश झूल रहा है। आज तक शारदा नदी में कोई ठोस बचाव कार्य नहीं हुआ। इससे काफी परेशान हूं। शासन प्रशासन को शारदा की तबाही रोकनी चाहिए जिससे लोगों को इससे मुक्ति मिल सके।विश्वजीत, रमनगरा----पिछले साल भुजिया में बचाव कार्य कराने के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था। प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है लेकिन अभी तक धनराशि अबमुक्त नहीं की गई है। धनराशि मिलते ही बचाव कार्य शुरु करा दिया जाएगा।मिन्हाज अहमदएक्सईएन, बाढ़ खंड

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