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Pilibhit News - जिलेभर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन महीने से राशन सामग्री नहीं मिल रही है, जिससे कुपोषित बच्चों की पोषण संबंधी स्थिति गंभीर हो गई है। अभिभावक परेशान हैं और 1437 गंभीर कुपोषित बच्चे हैं। अधिकारियों ने...

जिलेभर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर तीन महीने से राशन सामग्री नहीं हैं। ऐसे में कुपोषित बच्चे कैसे पोषित हो पाएंगे। इस पर सवालिया सवाल उठ रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों से पात्र बच्चों के अभिभावक बैरंग हो रहे हैं। जनपद भर में 1960 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जहां पर लाखों की संख्या में बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। पिछले सितंबर महीने में बच्चों को खाद्यान्न वितरित किया गया था। उसके बाद चार महीने से आंगनबाड़ी केंद्रों पर खाद्यान्न नहीं वितरित हुआ है। ऐसे में बच्चों को खाद्यान्न नहीं मिल पाया है, जिससे अभिभावकों को परेशानी हो रही है। ऐसे में गंभीर और आंशिक कुपोषित बच्चे कैसे पोषित हो सकेंगे। इससे निपटने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना होगा। वर्तमान समय में जनपद में 1437 गंभीर कुपोषित और 5649 आंशिक कुपोषित बच्चे हैं। गंभीर कुपोषित में दो श्रेणी के बच्चे होते हैं। प्रथम चिकित्सीय जटिलता और द्वितीय बिना चिकित्सीय जटिलता के पीएचसी और सीएचसी पर इलाज लेना शामिल है। जिला कार्यक्रम अधिकारी युगल किशोर सांगुड़ी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन उपलब्ध कराने के लिए लिखापढ़ी की गई है। सितंबर में राशन का वितरण किया गया है। गंभीर कुपोषित बच्चों को पुनर्वास केंद्र में रखा जाता है,जहां पर डॉक्टरों की निगरानी रहती है। कुपोषित बच्चों को पोषित करने की दिशा में अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है।
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