हजारा ::: राणाप्रतापनगर में जाल टूटते देख ग्रामीणों ने पनपने लगा गुस्सा
बाढ़ खंड के अधिकारियों की ठेकेदार से साठगांठ के चलते बुरा हाल हो रहा है। इसको लेकर राणाप्रतापनगर में कमजोर जाल टूटने का विरोध किया जा रहा...
बाढ़ खंड के अधिकारियों की ठेकेदार से साठगांठ के चलते बुरा हाल हो रहा है। इसको लेकर राणाप्रतापनगर में कमजोर जाल टूटने का विरोध किया जा रहा है। नहरोसा में बोरियों पानी मे लगाने की बजाय मशीन से पाटा बजट को ठिकाने लगाया जा रहा है।
शासन प्रशासन हो रही घपलेबाजी से अंजान बना हुआ है। ट्रांस क्षेत्र के नहरोसा और राणाप्रतापनगर में शारदा कटान से होने वाली संभावित तबाही रोकने के लिए बाढ़ खंड की ओर से करोड़ों का बचाव कार्य कराने में लगा हुआ है। बचाव स्थलों पर विभागीय अधिकारी और कर्मचारी के न रहने से ठेकेदार मानक के विपरित कार्य कर खानापूरी करने में लगे है।
मंगलवार को राणाप्रतापनगर में पीपल के सामने रेत की भरी बोरियों को जाल में बांधकर शारदा में डालते ही जाल फट गया। कमजोर जाल होने पर ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए अफसरों से शिकायत की। हालांकि एक्सईएन शैलेश कुमार ने मामला संज्ञान में लिया है। इतना ही नहीं ग्रामीणों द्वारा विरोध के चलते जाल में बारियां लगाने का काम रुक गया है। उधर नहरोसा में पानी की तह से बोरियां लगाने की बजाय पुकलैंड मशीन से मिट्टी डालकर पाट दिया जा रहा है। ठेकेदार मानक के अनुरूप कार्य करने की बजाय सरकारी बजट को ठिकाने लगाने के नाम पर खानापुरी करने में लगे हैं।