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प्रभु चरणों की धूल पीकर तर गया केवट

नगर में चल रहे श्रीरामलीला मेले में रविवार को आज घन्नई ताल लीला का मंचन हुआ। वृंदावन की बृज बिहारी लीला दर्शन मंडल के कलाकारों ने दिखाया कि माता कैकेई के वचनों के बाद वनवास जा रहे प्रभुश्रीराम, माता...

प्रभु चरणों की धूल पीकर तर गया केवट
हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतMon, 12 Nov 2018 12:48 AM
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नगर में चल रहे श्रीरामलीला मेले में रविवार को आज घन्नई ताल लीला का मंचन हुआ। वृंदावन की बृज बिहारी लीला दर्शन मंडल के कलाकारों ने दिखाया कि माता कैकेई के वचनों के बाद वनवास जा रहे प्रभुश्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण को नदी पार कराने के लिए केवट ने सभी को नाव से नदी पार कराई। केवट ने प्रभु से कहाकि उसका सौभाग्य है जो उसकी नौका पर आज प्रभु ने अपने कदम रखे। उसका जीवन धन्य हो गया। कहाकि इसी की प्रतीक्षा में मैने अपना जीवन गुजार दिया। इस क्षण को मैं कभी भुला नहीं सकता। केवट ने प्रभु से कहाकि हर जन्म में उसे आपकी सेवा का अवसर मिले ऐसा वरदान दें।

प्रभु भक्ति में लीन केवट ने राम, सीता, लक्ष्मण के चरणों को धोया और उनकी रज को पीकर बोला, प्रभु आज मैं धन्य हो गया। नगर में रामलीला मैदान से सटे घन्नई ताल में लीला का सजीव मंचन देखने को भारी संख्या में दर्शक पहुंचे। शनिवार को लीला मंचन के दौरान राम बारात के बाद राजतिलक की तैयारियों की सूचना के बीच रानी कैकेई राजा दशरथ से राम को 14 वर्ष का वनवास और भरत को राजगद्दी का वचन मांगा। जिसके बाद अयोध्या में मायूसी छा गई। राजा दशरथ कोपभवन में पहुंच गए। राम जी के साथ पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण भी राजसी वस्त्रों का त्याग कर वन जाने की जिद पकड़ कर साथ चले गए। लीला मंडल के विपिन बिहारी और अखिल शुक्ला समेत मेले की देखरेख व्यवस्था में अध्यक्ष उमेश गुप्ता, रवि शुक्ला, रमेश गुप्ता, दीनदयाल, संजीव दीक्षित, रामदेव मिश्रा, समेत कई लोगों का विशेष सहयोग रहा।

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