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रामधुन का पक्का सार्जेंट साइकिल से नाप रहा असोम से अल्मोड़ा तक दूरी

उत्तराखंड के केदारनाथ में 16 जून वर्ष 2013 में हुई त्रासदी में पूरनपुर के गुम हुए एक शुक्ला परिवार को ढूंढने के दौरान अहम रोल निभाने वाला एयरफोर्स कर्मी अब एक नए मिशन पर है। एयरफोर्स में सार्जेंट...

रामधुन का पक्का सार्जेंट साइकिल से नाप रहा असोम से अल्मोड़ा तक दूरी
हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतThu, 24 Sep 2020 03:12 AM
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उत्तराखंड के केदारनाथ में 16 जून वर्ष 2013 में हुई त्रासदी में पूरनपुर के गुम हुए एक शुक्ला परिवार को ढूंढने के दौरान अहम रोल निभाने वाला एयरफोर्स कर्मी अब एक नए मिशन पर है। एयरफोर्स में सार्जेंट पंकज मेहता असोम से अल्मोड़ा के लिए वाया अयोध्या निकल पड़ें हैं।

एयरफोर्स कर्मी पंकज ने यह प्रण लिया था कि श्रीराम का मंदिर बनने की मुहर लगने के बाद वह श्रीराम के दहलीज पर जाकर दर्शन करेंगे। बस इसी मगन में निकले पंकज दुनिया को यह संदेश भी देना चाहते हैं कि वाहनों के कोलाहल से दूर लोग सतही संसाधनों का प्रयोग करें। ताकि सेहतमंद भी रहें और प्रदूषण पर भी नियंत्रण रखा जा सके।देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा में महत गांव निवासी बलवंत सिंह मेहता के पुत्र पंकज मेहता इन दिनों असम के तेजपुर में वायुसेना में सार्जेंट पद पर हैं। वायुयानों को नियंत्रित करने वाले पंकज मानेटियर का भी प्रशिक्षण प्राप्त किया हुआ है। वर्ष 2013 जून में जब केदारनाथ में त्रासदी हुई तब पीलीभीत के पूरनपुर का एक शुक्ला परिवार वहां त्रासदी का शिकार होकर गुम हो गया था। उसी दौरान शुक्ला परिवार के ब्रजेश शुक्ला पूरनपर से केदारनाथ गए थे ताकि अपनों को खोजा सके। वहां मानेटियर पंकज मेहता से मुलाकात हुई और कई पहाड़ों पर शुक्ला परिवार को तलाशने की प्रक्रिया शुरू हुई। पर अफसोस प्रयास रंग नहीं ला सके। तभी से पंकज और पूरनपुर में शिक्षक ब्रजेश शुक्ला की दोस्ती हो गई। अब असोम से अयोध्या होकर अल्मोड़ा के लिए निकले पंकज का जब रूट तय हुआ तो ब्रजेश ने पूरनपुर और पीलीभीत होकर रुद्रपुर जाने का आग्रह किया। इस पर पंकज सहर्ष तैयार हो गए। हजारों किलोमीटर की साइकिल यात्रा करते हुए पंकज जल्द ही पीलीभीत पहुंचेंगे।

राम नाम की धुन, पहुंच गए अयोध्या

रामधुन के पक्के वायुसेना के सार्जेंट पंकज ने यह तय किया था कि जब अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बनने की अंतिम मुहर लग जाएगी तब वह साइकिल से श्रीराम के दरबार में पहुंचेगा और दर्शन करेगा। अब पंकज ने अपनी यात्रा के आठवें दिन अयोध्या पहुंच कर दर्शन कर लिए हैं और वे लखनऊ होकर पूरनपुर पीलीभीत के लिए निकल पड़ें हैं। ब्रजेश यहां उनकी साइकिल यात्रा का स्वागत करेंगे।

ट्रैकिंग में माहिर

पंकज ने हमारी उन दिनों मदद की थी कि जब कहीं कोई उम्मीद की कोई किरन नहीं दिख रही थी। पूरनपुर के प्राइमरी विद्यालय में शिक्षक ब्रजेश शुक्ला ने बताया कि बाबूजी और बाकी सदस्य तो खैर त्रासदी का शिकार हो गए थे।

पंकज दिल के करीब आ गया। वह 24 से 25 सितंबर को अल्मोडा जाने से पहले रास्ते में पूरनपुर पहुंचेगा। उसकी इस लंबी साइकिल यात्रा का हम स्वागत करेंगे।

- ब्रजेश शुक्ला, शिक्षक, बेसिक शिक्षा

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