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शारदा सागर जलाशय में धड़ल्ले से हो रहा प्रवासी पक्षियों का शिकार

हजारों मील की लंबी दूरी तय कर अपने प्राणों की रक्षा के लिए शारदा सागर जलाशय में शरण लेने वाले साइबेरियन पक्षियों पर शिकारी मौत बनकर टूट पड़े हैं। धड़ल्ले से उनका अवैध शिकार कर रहे हैं। डैम का ठेका न...

शारदा सागर जलाशय में धड़ल्ले से हो रहा प्रवासी पक्षियों का शिकार
हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतTue, 24 Oct 2017 09:48 PM
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हजारों मील की लंबी दूरी तय कर अपने प्राणों की रक्षा के लिए शारदा सागर जलाशय में शरण लेने वाले साइबेरियन पक्षियों पर शिकारी मौत बनकर टूट पड़े हैं। धड़ल्ले से उनका अवैध शिकार कर रहे हैं। डैम का ठेका न होने से शिकारी हावी होना बताया जा रहा है। अंधाधुंध शिकार होने से पक्षियों की संख्या काफी घट रही है। वन विभाग भी मूकदर्शक बना हुआ है और प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा व्यवस्था को कोई इंतजाम नहीं कर रहा है।

साइबेरिया देश में अक्टूबर माह में मौसम बेहद ठंडा हो जाने से पानी में कलरव करने वाले वहां के पक्षी हजारों मील की लंबी दूर तय कर तराई पहुंच जाते हैं। शारदा के किनारे बना विशालकाय डैम ठंड के मौसम तक इनकी पनाहगाह बना रहता है। गर्मी पड़ने पर यह पक्षी अपने देश को वापस लौट जाते हैं। बड़ी तादाद में आने वाले इन पक्षियों पर शिकारियों की पैनी नजर रहती है। इनके आने से और जाने तक इनका शिकार वह करते रहते हैं। कई बर्षों से जलाशय का ठेका हो जाने से ठेकेदार इनकी सुरक्षा व्यवस्था में जुटे रहते थे। इस बार डैम का ठेका न होने शिकारी बेखौफ हो गए हैं। गभिया सहराई और रमनगरा क्षेत्र में प्रवासी पक्षियों का धड़ल्ले से शिकार हो रहा है। इसके चलते इनकी संख्या लाखों की अपेक्षा धीरे धीरे हजारों में सिमट रही है। हालांकि वन विभाग शिकार के मामले में अंजान नहीं है लेकिन मिलीभगत के चलते पक्षियों की सुरक्षा व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शिकारी दिन छिपते ही इनका शिकार शुरु कर देते हैं और सुबह के समय तक बदस्तूर जारी रखते हैं। कई बार वन विभाग मुखबिर की सूचना पर कई साल पहले कार्रवाई कर चुका है फिर भी यह शिकारी बाज नहीं आ रहे हैं। वन क्षेत्राधिकारी बराही अनिल शाह ने बताया कि हर साल नबंवर माह में पक्षियों के आने का क्रम शुरु होता है। इस दौरान टीम बनाकर निगरानी की जाती है। इस साल पक्षियों का शिकार होने की सूचना अभी नहीं मिली है। जल्द ही टीम बना दी जाएगी।

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