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थाईलैंड की तितली को रास आया पीलीभीत टाइगर रिजर्व

बाघों के लिए विदेशों तक विख्यात पीलीभीत टाइगर रिजर्व अब थाईलैंड की कॉमन माइम तितलियों को भी भा रहा है। उन्होंने यहां अपना घोंषला बना कुनबा बढ़ाना शुरू कर दिया है। बड़े बड़े खूबसूरत पंखों वाली यह तितली...

थाईलैंड की तितली को रास आया पीलीभीत टाइगर रिजर्व
हिन्दुस्तान टीम,पीलीभीतThu, 25 Jun 2020 01:21 AM
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बाघों के लिए विदेशों तक विख्यात पीलीभीत टाइगर रिजर्व अब थाईलैंड की कॉमन माइम तितलियों को भी भा रहा है। उन्होंने यहां अपना घोंषला बना कुनबा बढ़ाना शुरू कर दिया है। बड़े बड़े खूबसूरत पंखों वाली यह तितली लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। शेड्यूल वन में होने के कारण यह लोगों के लिए दुलर्भ भी है।

पीलीभीत का जंगल और यहां के चूका के नजारे भारत ही नहीं विदेश में भी लोगों की पहली पंसद बने हुए हैं। इस समय इसकी खूबसूती को यहां देखे जाने वाली शेड्यूल वन की कॉमन माइम तितली लोगों को आकर्षित कर रही है। टाइगर रिजर्व के मिश्रित वन क्षेत्र में पाई जाने वाली कामन माइल को पेपीलियो क्लेटिया के नाम से भी लोग जानते हैं। मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाली यह तितली अब पीटीआर में सामान्य रूप से दिखाई दे रही है। चूकि यह बहुत कम स्थानों पर देखने को मिलती है इसलिए इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972के तहत अनुसूची वन में रखा गया है। इसके बड़े बड़े पंखों पर रंग बिरंगें छींटे सहज ही लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।

प्रजजन काल में हैं यह तितली

इस साल क्षेत्र में लिटसिया डेकेननसिस और सेबीफेरा के पेड़ों का री जेनेरेशन अच्छा है जो इस तितली के लिए काफी मुफीद होता है। इसलिए तितली जमकर अंडा दे रही है। इनका प्रजजन काल अप्रैल से अब तक माना जाता है। इस समय अंडो देने का सिललिा अभी जारी है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

टरक्वाइज वाइल्ड लाइफ सोसायटी के अध्यक्ष अख्तर मियां खान कहते है कि यह तितली भारत के अलावा के नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और थाईलैंड में पाई जाती है। यह तितली यहां पाई जाने वाली तितली की अपेक्षा सबसे बड़े पंख होने के कारण उड़ान में शक्तिशाली होती है। मौजूदा समय में यह अंडा दे रही है और इनकी संख्या भी काफी अच्छी है।

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