अंगदान की नहीं है सुविधा, डायलिसिस से बच रही मरीजों की जान
Pilibhit News - पीलीभीत मेडिकल कॉलेज में अंगदान की सुविधा अभी उपलब्ध नहीं है, जिससे लोग अंगदान और अंग लेने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में रोजाना 25 से 26 लोगों को जीवनदान मिल रहा है।...

पीलीभीत। मेडिकल कॉलेज में अभी अंगदान की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है, जिसके चलते लोग अंगदान करने और अंग लेने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि अस्पताल में बने डायलिसिस सेंटर पर रोजाना 25 से 26 लोगों को जीवनदान मिल रहा है। इससे उनकी स्थिति बेहतर होने पर अन्य हॉयर सेंटर पर अंगदान की सुविधा मिल सके। मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने के बाद यहां पर लोगों के लिए काफी बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही है और इसका लाभ भी दिया जा रहा है। अभी तक यहां अंगदान जैसी सुविधा से लोग अभी वंचित है। यहां पर अभी इसको लेकर कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। जबकि देहदान की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में अस्पताल में संचालित डायलिसिस सेंटर लोगों का जीवन बचा रहा है। सेंटर पर शासन की ओर से निशुल्क मरीजों को उपचार दिया जा रहा है। यहां पर रोजाना 25 से 26 मरीज आते हैं। तीन शिफ्टों में मरीजों की डायलिसिस की जा रही है। कुछ मरीज काफी लंबे समय से भी आ रहे हैं। जिनके लिए तराई में यह केंद्र अब जीवनदान बन चुका है।
देहदान के लिए आ चुके हैं चार आवेदन
मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए अभी यहां पर एक देह का दान मिल चुका है। जिससे बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। इसके साथ ही चार अन्य लोगों ने भी देहदान करने का घोषणापत्र दिया है। ताकि विद्यार्थियों को बेहतर चिकित्सा शिक्षा मिल सके। अभी आगे और आवेदन आने की ही बात कही जा रही है।
मेडिकल कॉलेज के समन्वयक डॉ. अरुण कुमार सिंह ने बताया अभी उनके यहां अंगदान की सुविधा नहीं है। देहदान हो रहा है। अस्पताल स्थित डायलिसिस सेंटर पर लोगों का उपचार किया जा रहा है।
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